कोविड मरीजों की घटती संख्या को देखते हुए सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जिसके लिए वाराणसी सहित प्रदेश के सभी जिलों में पहले से चल रहे कोरोना हॉस्पिटल को बंद कर यहां 3 फरवरी से पहले की तरह ओपीडी सेवाएं शुरू की जाने वाली है। अब वाराणसी, मेरठ में दो-दो, लखनऊ में चार हॉस्पिटल के साथ ही प्रदेश के बाकी जिलों में एक-एक हॉस्पिटल ही कोविड हॉस्पिटल के रूप में चलाए जानें वाले है। अच्छी बात तो यह भी है कि जिनमे कोरोना हॉस्पिटल बने जिन मेडिकल कॉलेजों को बंद किया गया है, वहां कोविड से पहले की तरह ही मेडिकल की कक्षाएं भी चलेंगी। वाराणसी सहित सभी जिलों में कोरोना मरीजाें की तादाद कम हो चुकी है तो कोविड हॉस्पिटल को बंद किया जा रहे है। अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद की ओर से इस बारे में सोमवार को CMO और जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर दिया गया है। कोविड हॉस्पिटल में सैनिटाइजेशन के बाद बुधवार यानि तीन फरवरी से OPD, भर्ती की सुविधा आदि सेवाएं बहाल की जाने वाली है। अपर मुख्य सचिव के आदेश के अनुसार कोरोना टीकाकरण के बाद 15 फरवरी से एक्टिव क्वारंटीन की व्यवस्था भी समाप्त की जाने वाली है। पांच दिन की नोटिस पर फिर बन सकेगा कोविड हॉस्पिटल: अपर मुख्य सचिव ने अपने आदेश में यह भी बोला है कि अगर किसी तरह की कोई आवश्यकता पड़ती है तो 5 दिन की पूर्व नोटिस पर दोबारा कोविड हॉस्पिटल बनाए जा सकते हैं। जिसके लिए CMO को संबंधित हॉस्पिटल्स का चयन कर जांच करना होगा। जिसके साथ ही यह भी कहा है कि निजी हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल बनाया जाना है कि नहीं इस बारे में CMO के सुझाव पर जिलाधिकारी के स्तर पर फैसला लिया जानें वाला है। 'पिंटू' बनकर की दोस्ती और फिर महीनों तक महिला का शारीरिक शोषण करता रहा 'रमज़ान' पति को मरने के बाद पत्नी ने शव को बेड में छुपाया एग्री सेस से आयातित दाल की कीमतों पर नहीं पड़ेगा असर: IPGA