नई दिल्ली: शीर्ष अदालत में एक याचिका दाखिल कर पश्चिम बंगाल में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की शिनाख्त करने और उन्हें डिटेन कर डिपोर्ट करने की गुहार लगाई गई है। याचिका में केंद्र व पश्चिम बंगाल सरकार को एक वर्ष के अंदर ऐसे सभी लोगों को डिपोर्ट करने का आदेश देने की गुहार लगाई गई है। बर्धमान के रहने वाली मानवाधिकार कार्यकर्ता संगीता चक्रवर्ती द्वारा संविधान के अनुच्छेद-32 के तहत यह याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में ऐसे सरकारी अधिकारियों, पुलिसकर्मियों और सुरक्षा बल के लोगों की पहचान कर उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाने की मांग की गई है, जिनका लिंक ऐसे माफियाओं से हैं, जिनकी बदौलत ये तमाम लोग भारत में गैर कानूनी तरीके से घुस आए हैं। वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय के माध्यम से दाखिल की गई इस याचिका में कहा गया है कि ऐसे सरकारी अधिकारियों की आय से अधिक संपत्तियों को शत-प्रतिशत जब्त कर लिया जाना चाहिए। साथ ही याचिका में यह भी कहा गया है कि वैसे सरकारी अधिकारियों, ट्रैवल एजेंट व अन्य लोगों पर भी NSA लगाया जाना चाहिए, जिन्होंने रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियो के लिए आधार, राशन कार्ड, वोटर आईडी आदि की व्यवस्था करवाई। याचिका में यह भी कहा गया है कि भारतीय दंड संहिता (IPC) में एक अध्याय जोड़ा जाए और उसमें अवैध तरीके से देश में घुसने के अपराध को संज्ञेय गैर जमानती और गैर समझौतावादी घोषित कर दिया जाए। याचिका में दावा किया गया है कि हाल ही में पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव के बाद रोहिंग्या व बांग्लादेशी घुसपैठियों ने हिंदू परिवारों के साथ लूटपाट, मारपीट, अपहरण जैसी घटनाओं को अंजाम दिया है। उनके घरों को आग के हवाले कर दिया गया है। दिल्ली AIIMS के निदेशक डॉ गुलेरिया बोले- दो वैक्सीन की मिक्स डोज़ लेने से बढ़ सकती है एंटीबॉडी नेशनल कांफ्रेंस की प्रेस वार्ता, उमर अब्दुल्ला बोले- अपना एजेंडा पूरा करने में भाजपा को 70 साल लगे एक ही दिन में भारत ने कर डाला पूरे 'स्विट्ज़रलैंड' का टीकाकरण, जानिए कैसे