टेलीकॉम क्षेत्र में 1 अक्टूबर से कुछ अहम नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं। इन बदलावों का उद्देश्य ग्राहकों के लिए यह जानना आसान बनाना है कि उनके इलाके में कौन-सी मोबाइल सेवा—2G, 3G, 4G या 5G—उपलब्ध है। नए नियमों के तहत, सभी टेलीकॉम कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करनी होगी। इससे ग्राहक अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सही सेवा का चयन कर सकेंगे। सेवाओं की गुणवत्ता की जानकारी कई बार एक ही कंपनी किसी बड़े शहर में 5G सेवा दे सकती है, जबकि छोटे शहरों में वही कंपनी केवल 2G सेवा ही उपलब्ध कराती है। अब टेलीकॉम कंपनियों को अपनी सेवा की गुणवत्ता से जुड़े कई मानकों की जानकारी भी अपनी वेबसाइट पर साझा करनी होगी। इससे पहले, टेलीकॉम कंपनियां ऐसी जानकारी सार्वजनिक रूप से नहीं देती थीं। 1 अक्टूबर से लागू होने वाले नए नियम 1 अक्टूबर से, संचार के लिए केवल सुरक्षित यूआरएल और ओटीपी लिंक वाले मैसेज ही भेजे जा सकेंगे। इसके साथ ही, ट्राई ने 30 सितंबर तक 140 सीरीज से शुरू होने वाले सभी टेलीमार्केटिंग कॉल को डिजिटल लेजर प्लेटफार्म पर स्थानांतरित करने का आदेश दिया है, ताकि उनकी निगरानी करना आसान हो सके। ग्राहकों के लिए लाभ ये नए नियम ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। इससे उन्हें यह जानने में मदद मिलेगी कि उनके क्षेत्र में कौन-सी सेवा उपलब्ध है और किस कंपनी की सेवा गुणवत्ता बेहतर है। इससे न केवल ग्राहकों को सही जानकारी मिलेगी, बल्कि टेलीकॉम कंपनियों को भी अपने नेटवर्क को सुधारने और ग्राहकों के प्रति अधिक उत्तरदायी बनने का मौका मिलेगा। ऑनलाइन सेवाओं में सुधार ट्राई ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को अपनी ऑनलाइन सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए भी कहा है। इस निर्देश के अंतर्गत मोबाइल टेलीफोन सेवा नियम 2009, वायरलेस डेटा गुणवत्ता नियम 2012, और ब्रॉडबैंड सेवा नियम 2006 को एक साथ लाया गया है। ये नए नियम 1 अक्टूबर से प्रभावी होंगे। 'खरीफ-रबी की फसलों में अंतर भी जानते हैं राहुल..', MSP पर अमित शाह का हमला 'तीन पीढ़ियां भी 370 वापस नहीं ला सकेंगी..', कांग्रेस-NC पर अमित शाह का हमला अमिताभ पर लगा ऐश्वर्या काे नजरअंदाज करने का इल्जाम, सिमी ग्रेवाल के कमेंट ने मचाई-खलबली