नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1 अप्रैल 2022 से राजधानी के सभी स्कूलों को शत-प्रतिशत खोलने के दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका (PIL) को ख़ारिज कर दिया है। याचिका में कहा गया था कि स्कूलों को तब तक नहीं खोला जाए जब तक सभी स्कूली बच्चों को पूरी तरह से कोरोना के टीके नहीं लग जाते। उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली सरकार के उस आदेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को ठुकरा दिया, जिसमें 1 अप्रैल से स्कूलों को शत-प्रतिशत खोलने के लिए कहा गया था। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की पीठ ने मंगलवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि हमारे मुताबिक, माता-पिता अपने बच्चों को स्कूलों में भेजने के इच्छुक हैं। याचिका में शिक्षा निदेशालय (DOI) से यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश मांगा गया था कि स्कूल जाने वाले बच्चों के माता-पिता को अपने बच्चों को कक्षाओं में हिस्सा लेने के लिए भेजने के मामले में एक विकल्प प्रदान करें। बता दें कि दिल्ली समेत पूरे देश में कोरोना के मामलों में गिरावट आने और तेजी से टीकाकरण होने के कारण दिल्ली सरकार ने गत माह राजधानी के सभी स्कूलों को 100 फीसदी क्षमता के साथ खोलने का आदेश दिया था। दिल्ली सरकार ने कहा था कि निरंतर 2 वर्षों तक स्कूल बंद रहने से पढ़ाई के साथ ही बच्चों के सर्वांगीण विकास पर भी प्रभाव पड़ा है। वैश्विक शांति और सुरक्षा को अब हल्के में नहीं लिया जा सकता: विदेश मंत्री जयशंकर जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड से उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की ख़ास अपील धारा 370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में कितने लोगों ने खरीदी संपत्ति ? सरकार ने संसद में दिए आंकड़े