'प्रदेश के सारे भाइयां-बैहणा नैं राम-राम', हरियाणा में बोले PM मोदी

चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मियाँ तेज हो गई हैं। आज प्रदेश में कई प्रमुख नेताओं की रैलियों का आयोजन हो रहा है, जिससे चुनावी माहौल और भी गर्म हो गया है। इस कड़ी में गोहाना में प्रधानमंत्री मोदी की रैली हो रही है। सोनीपत में नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि वह सोनीपत की धरती से देश के महान सपूत, सर छोटूराम जी को प्रणाम करते हैं। सर छोटूराम जी का जीवन किसानों और वंचितों के लिए समर्पित रहा। उन्होंने बाबा लक्ष्मीचंद जी को भी नमन किया, जिन्होंने हरियाणा की लोक कला को समृद्ध किया। आज 25 सितंबर है, जो हमारे पथ प्रदर्शक पं. दीन दयाल उपाध्याय जी की जयंती भी है। पंडित जी ने अंत्योदय एवं गरीबों की सेवा के लिए जो रास्ता दिखाया, वह प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता के लिए संकल्प पत्र की तरह है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हरियाणा में जैसे-जैसे वोटिंग का दिन नजदीक आ रहा है, कांग्रेस कमजोर होती जा रही है। हरियाणा में बीजेपी के लिए समर्थन बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा का यह प्यार उनके जीवन के लिए एक अमानत है। वह गर्व से बोलते हैं कि जो कुछ भी हैं, उसमें हरियाणा का बड़ा योगदान है। इस बार हरियाणा फिर कह रहा है कि बीजेपी की सरकार बनाए। मोदी ने जम्मू-कश्मीर में दूसरे चरण के मतदान की चर्चा की, जो शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। उन्होंने बताया कि लोग सुबह से ही वोट डालने के लिए कतार में लगे हुए हैं। पहले चरण में जम्मू-कश्मीर में मतदान का रिकॉर्ड टूटा, जिसे दुनिया ने देखा। वह जम्मू-कश्मीर के लोगों की सराहना करते हैं कि वे लोकतंत्र के इस पर्व में इतने उत्साह से हिस्सा ले रहे हैं।

पीएम ने कहा कि बीजेपी की सरकार में हरियाणा खेती और उद्योग दोनों में देश के शीर्ष राज्यों में अपनी जगह बना रहा है। औद्योगीकरण बढ़ने से सबसे अधिक लाभ गरीब, किसान, तथा दलितों को होता है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर मानते थे कि दलितों के सशक्तिकरण में उद्योगों की बड़ी भूमिका होती है। उन्होंने देखा कि कई गरीब साथी भूमिहीन होते थे, इसलिए वह कहते थे कि जब फैक्ट्रियां लगती हैं, तो दलितों और वंचितों को अवसर प्राप्त होता है। मोदी ने कहा कि बाबा साहब दलितों को तकनीकी कौशल सीखने के लिए प्रेरित करते थे। बीजेपी के विचारों में बाबा साहब की यह सोच स्पष्ट रूप से नजर आती है। दलित और वंचित समाज को उद्योगों के जरिए अवसर देकर ही सच्चा सशक्तिकरण संभव है।

उन्होंने कहा कि आज भारत में एक और चुनौती है, जिस पर सिर्फ बीजेपी ही बात कर रही है। हमारे देश में खेत का आकार लगातार कम हो रहा है। जैसे-जैसे परिवार बढ़ते हैं, जमीन के टुकड़े होते हैं और बंट जाते हैं। ऐसे में खेती से जुड़े सभी अर्थशास्त्री मानते हैं कि गांव में खेती के साथ-साथ अन्य आय के स्रोत भी होने चाहिए।

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