इन लड़कियों के बलात्कार की इजाजत देता है अल्लाह..? भगोड़े जाकिर नाइक का बेशर्म Video

इस्लामाबाद: भगोड़े इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कह रहा है कि अल्लाह उन लड़कियों के साथ बलात्कार की अनुमति देता है जो इस्लामी ड्रेस कोड का पालन नहीं करती हैं। उसका ये बयान बलात्कारियों के लिए एक ढाल की तरह काम करता है। यही काम आतंकवादी करते है। इस्लामिक स्टेट (ISIS) के चंगुल से बची कई यजीदी लड़कियों ने बताया है कि, आतंकी उनका बलात्कार करते वक़्त कहते थे कि उनका बलात्कार जायज है, क्योंकि वे गैर-मुस्लिम हैं। अब अपने आप को मुस्लिमों की पवित्र पुस्तक कुरान का विद्वान बताने वाले जाकिर नाइक ने खुद 'इस्लामिक स्टेट' के आतंकियों की भाषा बोली है। 

 

जाहिर है कि जो लड़की मुस्लिम नहीं है, वो इस्लामिक ड्रेस कोड का पालन क्यों करेगी ? वो क्यों बुरका और हिजाब पहनेगी ? यहाँ तक कि कई मुस्लिम लड़कियां भी बुरका-हिजाब नहीं पहनती, तो क्या अल्लाह उनका बलात्कार करने की इजाजत देता है ?  पैगंबर मोहम्मद की 41वीं पीढ़ी के वंशज, जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल-हुसैन के पूरे परिवार में कोई महिला हिजाब-बुर्के में नहीं देखी जाती, तो क्या मुसलमानों को उनका बलात्कार करने का अधिकार मिल गया ? और ये अधिकार खुद अल्लाह ने दिया ? बड़े दुःख की बात है कि, इस ज़ाकिर नाइक ने भारत में पीस टीवी के नाम से सालों तक एक चैनल चलाया और ना जाने कितने युवाओं के जेहन में इस तरह का जहर भरा। भारत में गिरफ्तार किए गए कई आतंकी ये कबूल कर चुके हैं कि वो जाकिर नाइक के वीडियो देखकर ही आतंकी बने।   

 

कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह इसे 'शांतिदूत' बताते हैं। हालाँकि, मौजूदा सरकार ने उसके चैनल को प्रतिबंधित कर दिया है और उस पर आतंकवाद भड़काने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है, जिसके बाद जाकिर नाइक भारत से फरार हो गया। हाल ही में पाकिस्तानी यू ट्यूबर नादिर अली के साथ एक इंटरव्यू में भारत आने के बारे में बात की थी। जब उससे पुछा गया कि, क्या वो कभी भारत जाएगा ? इसके जवाब में जाकिर नाइक ने कहा था कि वो मौजूदा सरकार (मोदी सरकार) के रहते तो भारत नहीं जाएगा। जाहिर है, जब दिग्विजय सिंह जैसे नेता उसे शांतिदूत बताते हों, तो वो उनकी पार्टी के शासन में ही भारत आना चाहेगा और फिर से अपना जहर फैलाना चाहेगा। 

बहरहाल, ज़ाकिर नाइक ने जो कहा है, वो कौनसी किताब में कहाँ लिखा है, ये बात हम तो नहीं जानते, लेकिन इतना जानते हैं कि इस जहर का असर होने लगा है। मध्य प्रदेश के इंदौर में वर्ष 2022 में एक दलित महिला का सामूहिक बलात्कार हुआ था। दलित महिला गर्भवती थी, जिसे नौकरी दिलाने के नाम पर अफ़ज़ल, अरबाज़, प्रिंस और सय्यद ने गैंगरेप किया था। महिला ने जब अपने गर्भवती होने का हवाला दिया, तो दरिंदों ने बड़ी बेशर्मी से उससे कहा था कि ''हिन्दू महिलाओं का बलात्कार करने से जन्नत मिलती है और इस्लाम में सब जायज है।'' इस लाइन को आप अगर गूगल पर सर्च करोगे, तो आपको पूरी खबर मिल जाएगी। इस तरह के और भी केस हैं। तो क्या ज़ाकिर नाइक सच कह रहा है ? तो फिर गैर-मुस्लिम लड़कियों को इन दरिंदों से कैसे बचाया जाए ? बड़े शर्म की बात है कि, जाकिर नाइक इतनी घिनौनी बात बोल सकता है, लेकिन मीडिया उतना खुलकर लिख भी नहीं सकता, संविधान और कानून ने हाथ बाँध रखे हैं, कहीं नफरत फैलाने के आरोप में मुकदमा ना हो जाए। 

 

वैसे जाकिर नाइक अकेला नहीं है, जिसने ये बात कही है। मिस्र की अल-अजहर यूनिवरेसिटी की प्रोफेसर सुआद सालेह (Suad Saleh) ने भी कुछ सालों पहले ऐसा ही बयान दिया था। वो खुद महिला है, लेकिन उस महिला ने कहा था कि अल्लाह गैर-मुस्लिम लड़कियों का बलात्कार करने की इजाजत देते हैं। ये महिला तो ज़ाकिर नाइक से भी एक कदम आगे निकल गई थी, ज़ाकिर फिर भी कपड़ों के बारे में बात कर रहा है, और ये महिला, एक प्रोफेसर होने के बावजूद तमाम गैर मुस्लिमों के बलात्कार को जायज बता रही है। क्या यही कारण था कि, ग़ज़नवी से लेकर, गौरी-खिलजी तक भारत पर आक्रमण करने वाले अधिकतर इस्लामी आक्रांताओं ने यहाँ की बहन-बेटियों के जिस्म नोचे। पाकिस्तान बनने के दौरान भी लाखों महिलाओं के बलात्कार हुए और आज भी पाकिस्तान-बांग्लादेश जैसे देशों में गैर-मुस्लिम महिलाओं की क्या स्थिति है, ये किसी से छिपी नहीं है।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, श्रद्धा वॉकर के 35 टुकड़े करने वाला आफताब भी कह चुका है कि, उसे फांसी हो जाए, तो भी गम नहीं, क्योंकि उसे जन्नत में हूरें मिलेंगी। ये कैसे मानसिकता है, जो बलात्कार को जन्नत जाने की सीढ़ी मानती है ? और कुछ कट्टरपंथी धर्मगुरु इसका समर्थन भी करते हैं। इस तरह तो लाख कानून बनाने और सुरक्षा उपाय करने के बावजूद बलात्कार नहीं रोके जा सकते, क्योंकि कट्टरपंथी इसे पुण्य का काम समझकर करने लगे हैं। भारत सरकार को इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने की जरूरत है और समाज को भी आवश्यकता है कि, वो अपनी बहन बेटियों की सुरक्षा के लिए इस मुद्दे को उठाएं और सरकारों से जवाब मांगें। वरना भारत के लोग सिर्फ कैंडल मार्च ही निकालते रह जाएंगे।   

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