'हमेशा कुछ न कुछ..', ज्ञानवापी के ASI सर्वे पर क्या बोलीं हेमा मालिनी ?

लखनऊ: मथुरा से भाजपा सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी ने आज गुरुवार को ज्ञानवापी साइट पर ASI सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत किया और कहा कि सर्वेक्षण का परिणाम जल्द ही आना चाहिए। हेमा मालिनी ने कहा कि,  "नहीं तो हमेशा कुछ न कुछ बातें चलती रहती हैं। अगर अंतिम फैसला आता है तो यह देश के लिए बेहतर होगा।"

बता दें कि, हाई कोर्ट ने ASI सर्वेक्षण के खिलाफ मस्जिद समुदाय द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि संरचना को नुकसान पहुंचाए बिना न्याय के हित में सर्वेक्षण किया जाना चाहिए। अदालत के आदेश में कहा गया कि ASI के इस आश्वासन पर विश्वास न करने का कोई कारण नहीं है कि सर्वेक्षण से संरचना को कोई नुकसान नहीं होगा। इस सर्वेक्षण में कोई खुदाई नहीं की जाएगी, ऐसा ASI ने पहले अदालत को आश्वासन दिया था। ASI सर्वेक्षण से यह सच्चाई सामने आने की पूरी संभावना है कि क्या उस स्थान पर कोई मंदिर था जिसे 17वीं शताब्दी में औरंगजेब ने ध्वस्त कर दिया था और मस्जिद बन गई थी।

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वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कहा कि ऐसे कई साक्ष्य हैं जो दर्शाते हैं कि वहां मंदिर था। उन्होंने कहा कि, "यह सबको पता है. लेकिन एक बार ASI सर्वे सामने आ जाए तो यह सबके सामने साबित हो जाएगा. मुस्लिम पक्ष जानता है कि ASI सर्वे के नतीजों के बाद वहां मस्जिद नहीं रहेगी. इसलिए वे विरोध कर रहे हैं. जैसे एक चोर जानता है कि अगर वह अपना घर दिखाएगा तो उसकी चोरी पकड़ी जाएगी, वे भी सच्चाई जानते हैं।'' जैन ने कहा, "हम इसे सुप्रीम कोर्ट में लड़ने के लिए तैयार हैं।" वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि मस्जिद 600 साल पुरानी है और मुसलमान इतने वर्षों से नमाज अदा करते आ रहे हैं। मुस्लिम नेता ने कहा, "हमें उम्मीद है कि न्याय मिलेगा। हम यह भी चाहते हैं कि देश के सभी पूजा स्थलों पर पूजा स्थल अधिनियम लागू किया जाए।" समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि सभी को अदालत के आदेशों और सर्वेक्षण के निष्कर्षों का पालन करना चाहिए। सपा नेता ने कहा, देश को सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता की जरूरत है।

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