डॉक्टर्स ने खोजी अल्झाइमर के लिए नई दवा, देगी आराम

शोधकर्ताओं ने एक नई दवा की खोज की है जो याददाश्त जाने, तंत्रिका क्षति और अल्जाइमर रोग के अन्य लक्षणों से बचा सकती है. ऐसी कई बीमारी हैं जिनके कारण आपको परेशानियों का सामना करना पड़ता है. प्रीक्लिनिकल शोध को जर्नल ऑफ फार्माकोलॉजी एंड एक्सपेरीमेंटल थेरेप्यूटिक्स में प्रकाशित किया गया है. इसमें पाया गया है कि दवा-बीपीएन14770-अमलॉइड बीटा के प्रभावों को रोकती है. जानते हैं इसके बारे में. 

जानें अल्‍जाइमर अल्जाइमर असल में भूलने की बीमारी है. बीमारी जब अडवांस्ड स्थिति में पहुंच जाती है, तो मरीज अपने परिजनों और रिश्तेदारों को पहचनाना तक बंद कर देता है. हमारे देश में लगभग 16 लाख लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. जबकि 40 लाख लोग डीमेंशिया से पीड़ित हैं और इसमें अल्जाइमर के मामले सबसे ज्यादा हैं. अक्सर लोग समझते हैं कि ‘डीमेंशिया’ और ‘अल्जाइमर’ एक ही हैं. जबकि ये दोनों स्थितियां एक नहीं हैं, वास्तव में अल्जाइमर डीमेंशिया का एक प्रकार है.

क्‍या है अमलॉइड बीटा अमलॉइड बीटा, अल्जाइमर प्रोटीन का हॉलमार्क है, जो तंत्रिका कोशिकाओं के लिए विषाक्त होता है. टेट्रा थेरेप्यूटिक्स के विकास के तहत बीपीएन 14770 उन प्रक्रियाओं को सक्रिय करने में मदद कर सकती है जो तंत्रिका के स्वास्थ्य में सहयोग करती हैं और डिमेंशिया को रोकती है.

डीमेंशिया के लक्षण डीमेंशिया में कई बीमारियां शामिल हैं, जैसे अल्जाइमर रोग, फ्रंट टू टेम्पोरल डीमेंशिया, वैस्कुलर डीमेंशिया आदि. डीमेंशिया के मरीजों में शुरुआत में याददाश्त कमजोर होने लगती है और मरीज को रोजमर्रा के काम करने में परेशानी होने लगती है. मरीज तारीखों, रास्तों और जरूरी कामों को भूलने लगता है. वह घर या ऑफिस में काम करते समय गलत फैसले लेने लगता है. उनके व्यवहार में कई तरह के बदलाव आ सकते हैं, जैसे गुस्सा या उग्र व्यवहार करना, मूड में बदलाव आना, दूसरों पर भरोसा न करना, डिप्रेशन, समाज से दूरी बनाना या बेवजह इधर-उधर घूमने की आदत आदि.

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