शास्त्रों के अनुसार एकादशी को 'हरी दिन' और 'हरी वासर' भी कहा जाता है। वहीं फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी आमलकी एकादशी या रंगभरी एकादशी के नाम से जानी जाती है। जी हाँ और यह इस साल 14 मार्च, सोमवार को मनाई जाने वाली है। आप सभी को बता दें कि एकादशी के दिन आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान श्रीविष्णु की पूजा-आराधना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा कुछ उपाय हैं जो आप कर सकते हैं। आज हम आपको उन्ही उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं। धन प्राप्ति के लिए- इस दिन भगवान विष्णु और आंवले के वृक्ष की विशेष रूप से पूजा का विधान है। जी दरअसल मान्यता के अनुसार आमलकी एकादशी के दिन घर में आंवले का वृक्ष लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। जी हाँ क्योंकि ऐसा करने से कार्यक्षेत्र में बरकत होती है जिससे धन-संपत्ति प्राप्त होने के नए-नए अवसर मिलते है। वहीं इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद श्री हरि को एकाक्षी नारियल अर्पित करें व पूजा के बाद इस नारियल को पीले कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें,धन की कमी नहीं होगी। कार्यक्षेत्र में सफलता के लिए- बार-बार प्रयास करने के बाद भी आपका कोई काम नहीं बन पा रहा है तो इस दिन आंवले या आंवले के पेड़ को छूकर प्रणाम करें और उसकी मिट्टी को माथे पर लगाएं और अपना कार्य पूर्ण होने के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना करें, इससे कार्य में सफलता मिलेगी। सुखी दांपत्य के लिए- अगर पति-पत्नी के बीच बहुत कलह रहती है या किसी भी तरह का मनमुटाव रहता हो तो इस समस्या को दूर करने के लिए आप इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए आंवले के वृक्ष के तने पर सात बार मोली या हल्दी में लपेट कर सूत का धागा लपेटें और इसके बाद घी का दीपक प्रज्वलित कर सुखी दांपत्य के लिए प्रभु से प्रार्थना करें। आँखों से लेकर ह्रदय तक को होते हैं सूर्य को नियमित अर्घ्य देने के फायदे 9 मार्च को बन रहे हैं 3 शुभ योग, करें ये खास उपाय गर्भवती महिलाओं से लेकर गुस्सैल लोगों तक, जानिए कीन्हे भूल से भी नहीं पहनना चाहिए सोना