एक मुसलमान ने खोजी थी अमरनाथ गुफा

अमरनाथ यात्रा आज से शुरू हो चुकी है। बाबा बर्फानी की इस यात्रा को हिंदुओं की पवित्र यात्रा माना जाता है। कहा जाता है कि जिसने बाबा अमरनाथ के दर्शन कर लिए, उसका जीवन सफल हो गया। आज इस गुफा के लिए पहला जत्था रवाना हुआ। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाबा बर्फानी की इस गुफा की खोज एक मुस्लिम ने की थी। आज हम आपको इस गुफा की खोज से जुड़े रहस्य से अवगत कराते हैं। 

जानकारी के अनुसार, आज से करीब 500 साल पहले एक मुस्लिम गडरिये बूटा महिल ने इस गुफा को खोजा था। ऐसा कहा जाता है कि एक दिन बूटा मलिक अपनी भेड़ें चरा रहा था। वह भेड़ चराते—चराते बहुत दूर निकल गया। वहां पर उसे एक साधु मिले, दोनों में दोस्ती हो गई। कहा जाता है कि साधु ने ठंड से परेशान बूटा को एक कांगडी दी थी। अगले दिन वह कांगडी सोने की हो गई और जब बूटा साधु से मिलने गुफा में पहुंचे, तो वहां वे साधु नहीं थे, बल्कि बर्फ से चमकता शिवलिंग दिखाई दिया। बूटा ने वापस आकर गांव वालों को यह बात बताई और  तब से ही ​अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई। आज भी बूटा महिल के  वंशज गुफा की देख—रेख करते हैं और उन्हें चढ़ावे के पैसे दिए जाते हैं। 

इसके अलावा ऐसी कहावत भी है कि यह स्थान प्रलय आने पर जलमग्न हो गया था और कश्यप ऋषि ने इसे खोजा था। भृगु ऋषि ने सबसे पहले बाबा अमरनाथ के दर्शन किए। अमरनाथ गुफा समुद्र तल से 14000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां जाने का रास्ता काफी दुर्गम है। यह यात्रा बालकोट से शुरू होती है। 

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