आज हम आपको एक ऐसी महिला से मिलवाने जा रहे है. जिसे पूरी दुनिया सलाम कर रही है. ये हैं 105 वर्षीय सालूमराड़ा थिम्माक्का, जो कर्नाटका में रहती है. इनकी कहानी बड़ी ही दिलचस्प और प्रेरणादायी है. दरअसल इनके कोई बच्चे नहीं है. इसी वजह से इन्होंने प्रकृति को ही अपना बच्चा मान लिया और उसे अपने बच्चे की तरह प्यार से पालती पोसती है. दरअसल सालूमराड़ा और उनके पति को पता चला की वह बचा नहीं कर सकते तो उन्होंने पेड़ लगा कर उनकी अपने बच्चो की तरह देखभाल की, यह सिलसिला पिछले कई सालो से जारी है. यह महिला पिछले 80 सालो में करीब 8000 से ज्यादा पेड़ लगा चुकी है. इस काम में उनके पति भी उनकी मदद करते है. आसपास के लोगो द्वारा ही इन्हें 'सालूमराड़ा' नाम दिया गया है. जिसका मतलब 'पेड़ो की लंबी कतार' होता है. ऐसी ही अन्य खबरों के लिए नीचे लिंक्स पर क्लिक करें :- प्रथा के नाम पर अपने ही परिवार के बुजुर्गों की हत्या कर देते है लोग सांप से की जा रही है यहाँ लोगों की मसाज वैज्ञानिकों को मिला एक नया मेंढक जो चमकता है अँधेरे में