हाल ही 'अश्लीलता' फैलाती हिंदू भगवान की पेटिंग को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा मचा हुआ है। लोग हिंदू भावनाओं को आहत करने का इल्जाम लगा रहे हैं। दरअसल बेंगलुरु स्थित पेंटिंग बेचने वाली कंपनी इंकोलॉजी इस वक़्त सोशल मीडिया पर लोगों की आलोचनाओं के घेरे में आ चुके है। देश भर में जन्माष्टमी समारोह के मध्य, विक्रेता पर हिंदू भगवान की पेंटिंग को लेकर अश्लीलता फैलाने का इल्जाम लगाया गया है। इंकोलॉजी अपने प्रोडक्ट्स को अमेजॉन पर सेल करता है। पेटिंग के अलावा यह मग, कार्ड व पोस्टर भी सेल कर रहा है। इसी कंपनी की एक पेंटिंग की कुछ फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी है। तस्वीरों को लेकर बोला जा रहा है इससे लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। 'बनारसी कन्या' नाम के एक ट्विटर यूजर ने कुछ फोटोज भी साझा की हैं। इसने ट्वीट कर लिखा. "नमस्कार @amazonIN, यह सही वक़्त है कि आप जो बेच रहे हैं उसे एक बार जांच लें। नहीं तो अगली बार आपके यहां ग्राहक नहीं होने वाले है। यह विक्रेता एक बेंगलुरु स्थित संगठन इंकोलॉजी है।” यूजर ने बेंगलुरु पुलिस को भी टैग कर दिया गया है। जिसके साथ साथ अलावा बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या को भी एक ट्वीट में टैग किया गया है। पेटिंग में कथित तौर पर भगवान श्री कृष्ण को अश्लील मुद्रा में भी बताया जा चुका है। यूजर ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “@BlrCityPolice (बेंगलुरु पुलिस) Inkologie ने इस अश्लील पेंटिंग को अमेजॉन पर सेल करने के लिए ही रखा है। कृपया इस ट्वीट को देखें और देखें कि कहीं यह हिंदू भावनाओं को आहत तो नहीं कर रहा है। Inkologie कार्यालय बेंगलुरु में है। @CharuPragya @Tejasvi_Surya कृपया इसे देखें।” खबर लिखे जाने तक इस पोस्ट को 4,600 से अधिक लाइक्स और 3500 से ज्यादा रीट्वीट मिले चुके थे। इसके उपरांत से ट्विटर पर यूजर्स के कमेंट्स की भीड़ भी लग गई है। जहां कुछ नाराज थे, तो वहीं कुछ ने अलग तरह से प्रतिक्रिया व्यक्त की। कई लोगों ने अमेजॉन कस्टमर केयर के साथ अपनी बातचीत के स्क्रीनशॉट भी शेयर कर दिए हैं जिसमें वे पेटिंग को हटाने के लिए कह रहे हैं। हालांकि शिकायतकर्ता यूजर द्वारा दिए गए अमेजॉन के लिंक पर क्लिक किया को यह एरर दिखाने लग गया है। इससे प्रतीत होता है कि अमेजॉन ने अपनी साइट से विवादित पेटिंग हटा ली है। हालांकि, एक ट्विटर यूजर ने फिलाडेल्फिया म्यूजियम ऑफ आर्ट वेबसाइट का लिंक साझा कर दी है, इसमें एक सेक्शन में इसी तरह की पेंटिंग दिख रही है। यूजर ने बोला है कि, “बहुत यकीन है कि यह इंकोलॉजी की ऑरिजिनल (पेटिंग) नहीं है। यह कांगड़ा शैली की पेंटिंग है, जो 12वीं सदी के ओडिशा के कवि जयदेव के गीता गोविंदा के छंदों का 18वीं सदी का चित्रण है।" सावधान! आज ही डिलीट कर दें ये खतरनाक App, वरना... भारत में 5G के इस्तेमाल पर चुकानी होगी भारी कीमत 'ग्रेजुएट चायवाली' के ठेले पर नगर निगम ने चलाया था बुलडोजर, अब मिला वापस