नई दिल्ली : लाख कोशिशों के बाद भी सहारा समूह पुणे के पास स्थित ऐंबी वैली की नीलामी को नहीं रोक पाया. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के रिसीवर को ऐंबी वैली की नीलामी में लिक्विडेटर की मदद करने के निर्देश दिए हैं.अब ऐंबी वैली की नीलामी होना तय हो गया है. बता दें कि सहारा ग्रुप ने इससे पहले 24,000 करोड़ रुपये की मूल रकम में से बाकी बचे लगभग 9,000 करोड़ रुपये चुकाने के लिए 18 महीने का समय मांगा था.लेकिन यह नहीं हो सका . इस पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस रंजन गोगोई और ए के सीकरी की पीठ ने कहा, कि हम प्रॉपर्टी की नीलामी करना चाहते हैं. तब तक हम बॉम्बे हाई कोर्ट के रिसीवर को नीलामी में मदद के लिए नियुक्त करेंगे. उल्लेखनीय है कि सेबी ने कोर्ट को शिकायत की थी कि सहारा ग्रुप ने ऐंबी वैली में कानून और व्यवस्था के मुद्दे पर पुणे पुलिस को पत्र लिखकर कथित तौर पर नीलामी प्रक्रिया में रुकावट डालने की कोशिश की थी.इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 12 अक्टूबर को कड़ी आपत्ति जताते हुए चेतावनी दी थी कि रुकावट डालनेवाला कोई भी व्यक्ति अवमानना का दोषी माना जाएगा और उसे जेल भेजा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ऐंबी वैली की नीलामी की प्रक्रिया में सहारा ग्रुप के रुकावट डालने के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की मांगवाली सेबी की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. यह भी देखें चेक बुक को बंद नहीं करेगी सरकार - जेटली SC ने पीएमएलए एक्ट की धारा 45 को असंवैधानिक बताया