अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने कहा है कि इजराइल के खिलाफ परिषद का रवैया पक्षपातपूर्ण है, जबकि इस संगठन ने उत्तर कोरिया, ईरान और सीरिया के खिलाफ सिर्फ तीन प्रस्ताव ही पारित किए हैं. उन्होंने कहा, हमारा धैर्य असीमित नहीं है. शनिवार को उठाए गए इजराइल के खिलाफ इस कदम से यह साफ हो गया है कि जिसे मानव अधिकारों का सच्चा हिमायती होना चाहिए वह संगठन स्वयं ही अपनी साख खो चुका है'. स्विट्जरलैंड के जेनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद द्वारा इजराइल के खिलाफ पांच निंदा प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद बाद अमेरिका ने शनिवार को कहा कि अब उसका धैर्य जवाब दे रहा है. इसी के साथ अमेरिका ने परिषद से हटने तक की धमकी भी दे दी है. परिषद में शामिल इस्लामिक सहयोग संगठन के सदस्य देशों ने परिषद के 'एजेंडा आइटम 7' के तहत पांच प्रस्ताव पेश किए थे, जो इजराइल के लिए चिंताजनक हैं. दरअसल, अमेरिका पिछले साल से ही लगातार इस 47 सदस्यीय परिषद से निकलने की धमकी देता आ रहा है. इस परिषद की स्थापना 2006 में दुनिया भर में मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उसके संरक्षण के लिए की गई थी. जिसमे दुनियाभर के देशों की भागीदारी है जिनमे से एक अमेरीका भी है. पाकिस्तान आतंकी देश बन सकता है- जॉन बोल्टन वैश्विक व्यापार के समक्ष अमेरिका ने खड़ी की नई चुनौतियां- प्रभु चीन से आयात पर 60 अरब डॉलर का अमेरिकी टैरिफ