वाशिंगटन: अमेरिका ने चीन की 11 कंपनियों पर व्यापार प्रतिबंध लगा दिए हैं। इन कंपनियों के खिलाफ चीन के मुस्लिम आबादी वाले शिनजियांग क्षेत्र में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में शामिल होने की शिकायतें प्राप्त हुईं हैं। अमेरिका द्वारा सोमवार को घोषित किए गए ये बैन चीन पर दबाव बनाने का नया प्रयास है। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी पर इस क्षेत्र में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार, बंधुआ मजदूरी और बड़े पैमाने पर लोगों को हिरासत में रखने के आरोप लगते रहे हैं। अमेरिका और चीन के रिश्तों में खटास के कारणों में मानवाधिकार, व्यापार और प्रौद्योगिकी के साथ ही शिनजियांग क्षेत्र का मु्द्दा भी शामिल है। अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने इन आरोपों की वजह से चीन के चार अधिकारियों पर भी बैन लगाए हैं। वहीं जवाबी कार्रवाई में चीन ने उसके मानवाधिकार रिकॉर्ड का विरोध करने वाले अमेरिका के चार सीनेटरों पर जुर्माना लगाने का ऐलान किया है। अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने कहा कि प्रतिबंधित फेहरिस्त में डाले जाने से इन 11 कंपनियों की अमेरिकी उत्पाद और प्रौद्योगिकी तक पहुंच सीमित होगी। हालांकि, विभाग ने इस बारे में जानकारी नहीं दी कि इससे किन उत्पादों पर प्रभाव पड़ेगा। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने एक बयान में कहा कि यह बैन सुनिश्चित करेंगे कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी वहां के असहाय मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ अमेरिकी सामान और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल न कर सके। भारत और चीन के बीच फिर बढ़ रहा विवाद भारत के बाद अब पाक ने भी किया चीनी एप को बेन बाढ़ग्रस्त असम में राहत कार्य करेगा संयुक्त राष्ट्र, किया भारत सरकार की मदद का वादा