वाशिंगटन: अमेरिका के ‘फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन’ (FDA) ने गुरुवार को कमजोर इम्यून सिस्टम (Compromised immune systems) वाले लोगों के लिए फाइजर (Pfizer) और मॉडर्ना (Moderna) की कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज (Booster Dose) के उपयोग की हरी झंडी दे दी है. दरअसल, कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए इजरायल और जर्मनी जैसे कुछ अन्य देशों ने लोगों को वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाने की योजना बनाई है या फिर तीसरी डोज लगाना आरंभ कर दिया है. इसका उद्देश्य बड़ी आपादा से बचना है. बगैर किसी बीमारी वाले लोगों के लिए कोरोना वायरस वैक्सीन के बूस्टर के व्यापक इस्तेमाल को लेकर अभी भी वैज्ञानिकों की राय अलग-अलग है. इसके पीछे कारण, बूस्टर के लाभ का कोई सबूत मौजूद न होना है. फाइजर ने कहा है कि इसने जिस टीके को बायोएनटेक के साथ मिलकर बनाया है. वो वक़्त के साथ कम असरदार होती चली जाती है. फाइजर ने एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा है कि टीका लगवाने के दौरान 96 फीसदी तक असरदार रहने वाली डोज चार माह में घटकर 84 फीसदी पर आ जाती है. मॉडर्ना ने भी कहा है कि बूस्टर डोज की आवश्यकता है. खासकर जब से डेल्टा वेरिएंट फुली वैक्सीनेटेड लोगों को संक्रमित कर रहा है. एफडीए ने इम्यूनो कॉम्प्रोमाइज के लिए कोविड-19 वैक्सीन बूस्टर को किया अधिकृत सुप्रीम कोर्ट ने इंडियाना विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा COVID-19 वैक्सीन जनादेश की अपील को किया अस्वीकार 19 अगस्त से बांग्लादेश फिर से खोलने जा रहा है पर्यटन स्थल