वाशिंगटन: ब्रह्मांड के रहस्य और अनंत आकाश की गहराईओं तक पहुंचने की हर कोशिश आज भी बौनी साबित हो रही है. वैज्ञानिक तकनीकों के जरिये विशाल ब्रह्मांड के रहस्य उजागर करने की कोशिशे जारी है. इसी कड़ी में उन्होंने एक अहम चीज का पता लगाया है. खगोलविदों के मुताबिक, पिछले साल दो न्यूट्रॉन स्टार (छोटे आकार व उच्च घनत्व वाले तारे) के मिलने से गुरुत्वीय तरंग निकली थी. इन तरंगों के कारण अभी तक के एक बहुत ही कम द्रव्यमान वाले ब्लैक होल के बनने की संभावना है. अमेरिका स्थित ट्रिनिटी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने नासा के चंद्र एक्स-रे वेधशाला से जुटाई गई जानकारियों के आधार पर यह अनुमान लगाया है. 17 अगस्त 2017 को नासा के फर्मी मिशन ने गामा किरण और लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल वेव ऑब्जरवेटरी (एलआइजीओ) ने गुरुत्वीय तरंगों की पहचान की थी. एलआइजीओ से मिली जानकारी के अनुसार दो न्यूट्रॉन तारों से बने जीडब्ल्यू170817 का द्रव्यमान सूर्य से 2.7 गुना अधिक है. इससे दो बातें हो सकती हैं या तो तारों की टक्कर से सबसे बड़ा न्यूट्रॉन तारा बना होगा या सबसे कम भार वाले ब्लैक होल का निर्माण हुआ. वैज्ञानिकों का कहना है कि बड़ा न्यूट्रॉन स्टार बना होता तो यह तेजी से घूमकर चुंबकीय क्षेत्र बनाता और इससे उच्च ऊर्जा वाली एक्स-रे का उत्सर्जन होता, लेकिन जीडब्ल्यू170817 से बहुत ही कम ऊर्जा वाली एक्स-रे निकलने का प्रमाण मिला है. इसका मतलब है कि बड़े तारे की जगह ब्लैक होल का निर्माण हुआ होगा. फ़िलहाल आकाश और उसके रहस्य हमेशा से ही एक अबूझ पहेली बने हुए है और बने रहेंगे. दुनिया के सबसे बड़े साफ पानी के मोती की कीमत जान चौंक जायेंगे आप विश्व पर्यावरण दिवस: ग्लोबल वार्मिंग का सर्वाधिक असर गरीब देशों पर पर्यावरण से मित्रता