भारत के साथ अमेरिका का रणनीतिक हित जुड़ा हुआ है. अमेरिका के लिए भारत का महत्व बहुत ज्यादा है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि आने वाले वर्षो में अमेरिका के लिए रूस के साथ चीन दूसरी बड़ी चुनौती बनने वाला है. यह बात अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कही है. 18 दिसंबर को अमेरिका भारत के साथ टू प्लस टू मंत्री स्तर की वार्ता की मेजबानी करेगा. दोनों देशों के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्रियों की यह वार्षिक बैठक दूसरी बार होगी. इससे दोनों देशों का सहयोग और मजबूत होने की संभावना है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की टॉक्सिकोलॉजी टेस्ट करा सकते हैं लंदन के डॉक्टर अपने बयान में थिंक टैंक काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के कार्यक्रम में एस्पर ने कहा, पेंटागन में उनकी भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी. इसके बाद वह और राजनाथ सिंह विदेश मंत्रालय के मुख्यालय फॉगी बॉटम जाएंगे, वहां पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो के साथ टू प्लस टू वार्ता होगी. दर्दनाक हादसा: वैन-बस में भिड़त, 15 यात्रियों ने खोई अपनी जान इसके अलावा एस्पर ने कहा कि हम हिंद और प्रशांत महासागर क्षेत्र में बेरोक-टोक आवागमन के पक्षधर हैं. इसके लिए हम मिलकर कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय नियमों से जुड़ी व्यवस्था को लागू करने के लिए अमेरिका सहयोगियों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है. इसके लिए कई नए और महत्वपूर्ण रास्ते भी बनाए जा रहे हैं. पाक कोर्ट ने ख़ारिज की हाफिज सहित 67 नेताओं की याचिका अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा कि हम शक्तिशाली मुकाबले के नए युग में प्रवेश कर रहे हैं. इसमें चीन हमारे लिए पहली और रूस दूसरे नंबर की चुनौती है. दोनों देश अपनी सेनाओं को लगातार आधुनिक बना रहे हैं, स्पेस और साइबर क्षेत्र में अपनी क्षमताएं बढ़ा रहे हैं. इसके लिए दोनों ही देश न केवल छोटे देशों की संप्रभुता खत्म कर रहे हैं बल्कि वे अंतरराष्ट्रीय नियमों-कानूनों का भी उल्लंघन कर रहे हैं. बेल्ट एंड रोड अभियान के जरिये चीन एशिया, यूरोप और अफ्रीका में अपनी पहुंच मजबूत कर रहा है. ट्रंप ने गुस्से से लाल होकर किए 123 बार ट्वीट, इस वजह से दिखे नाराज संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन : सभी देशों का जलवायु में फैलते प्रदुषण को लेकर निर्णय रहा उम्मीद से अलग बोरिस जॉनसन से भयभीत मुस्लिम, प्रमुख संगठन ने बयान जारी कर बताया डर