वाशिंगटन: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का सबसे अधिक कहर अमेरिका में देखने को मिला है. यहां 8 लाख से अधिक लोग अबतक इसकी चपेट में आ चुके हैं, जबकि लगभग 50 हजार लोगों की मौत हो गई है. इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो का कहना है कि अमेरिका शायद फिर कभी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को फंडिंग नहीं देगा, यदि जरूरत पड़ी तो वह स्वास्थ्य को लेकर अपना खुद का वैश्विक संगठन बना लेंगे. कोरोना वायरस महामारी को लेकर चीन के साथ सांठगांठ का इल्जाम लगाने के साथ ही अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को देने वाली फंडिंग रोक दी थी. अब माइक पोम्पियो ने इसपर और भी आक्रामक रवैये के संकेत दिए हैं. एक न्यूज़ चैनल को दिए गए साक्षात्कार में माइक पोम्पियो ने कहा कि अब समय केवल WHO में नेतृत्व के बदलाव का नहीं है, बल्कि समय है कि संगठन ही बदल दिया जाए. अमेरिका अब कभी भी इस संगठन में वापसी नहीं करेगा. अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि यदि संगठन सही तरीके से काम करता है, तो हम उसके साथ जुड़ने की सोच भी सकते थे. किन्तु अब हम विश्व में अपने साथियों के साथ एक ऐसे स्ट्रक्चर पर काम करेंगे जो सही नेतृत्व प्रदान कर सके. आपको बता दें कि WHO में अमेरिका की फंडिंग सबसे अधिक थी, जो WHO के कुल बजट का पंद्रह फीसदी था. किन्तु डोनाल्ड ट्रंप ने इसे रोकने का ऐलान कर दिया. WHO की तरफ से कई बार ऐसा ना करने की अपील की गई, मगर डोनाल्ड ट्रंप बिल्कुल नहीं माने. जिनकी मौत कोरोना से नहीं हुई, उनके शव लाने की अनुमति दें, केरल सीएम की पीएम मोदी को चिट्ठी दोस्त चीन को बचाने के कोरोना पर झूठे दावे कर रहा उत्तर कोरिया ? क्या ट्रायल में फेल हो गया कोरोना वायरस का पहला टीका ? WHO ने जारी की रिपोर्ट