वाशिंगटन: दिनों दिन बढ़ती जा रही बिमारियों की समस्या से आज हर कोई परेशान है कई ऐसी बीमारी भी है जिनके कारण दुनियाभर में हजारों की मात्रा में लोग अपनी जान खो देतें है वहीं एचआइवी संक्रमण से होने वाली बीमारी एड्स से विश्वभर में हर दिन 320 बच्चों की मौत हो जाती है. संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ के अनुसार, 0-14 साल उम्र के एचआइवी पीड़ित बच्चों की इतनी संख्या में मौत के पीछे की मुख्य वजह समुचित इलाज का नहीं मिलना है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारत समेत विश्वभर के बच्चों पर एड्स की मार से संबंधित आंकड़े जारी करते हुए मंगलवार को यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर ने कहा, एचआइवी पीडि़त बच्चों में से केवल 54 फीसद को ही एंटीरेट्रोवाइरल इलाज प्राप्त हो रहा है. वहीं एड्स के खिलाफ जारी लड़ाई में विश्व ने काफी प्रगति की है, लेकिन यह अब भी पर्याप्त नहीं है. जंहा एड्स पर जारी आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि 0-9 साल तक के बच्चों में सिर्फ 2018 में इस खतरनाक बीमारी के डेढ़ लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए. इस तरह इस आयुवर्ग के एचआइवी पीडि़त बच्चों की संख्या 11 लाख तक पहुंच गई है. सूत्रों का कहना है कि दुनियाभर के बड़े से बड़े विशेषज्ञ इस बिमारी को ठीक करने कि खोज में जी तोड़ मेहनत कर रहे है, वही ऐसा भी कहा जा रहा है कि जल्द ही इस भयानक समस्या से निजात मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. अमेरिकी चेतावनी से बेखबर पाकिस्‍तान, चीन ने उठाया बड़ा कदम दलाईलामा ही चुनेंगे अपना उत्तराधिकारी, सालों पुरानी परंपरा रहेगी कायम पाक प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने भारत का किया विरोध, कहा- सुरक्षा परिषद की स्थायी अथवा अस्थायी सदस्यता...