वाशिंगटन: अमेरिका ने कहा आंकड़ों से कोरोना वायरस के बारे में बेहतर अनुसंधान हो सकेगा और आने वाले वक़्त में हम ऐसी महामारी के प्रति सतर्क हो सकेंगे. अमेरिका ने बोला कि चीन को कोरोना वायरस फैलने के प्रारंभिक दिनों से लेकर अब तक के आंकड़े विश्व को उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि महामारी के बारे में बेहतर अनुसंधान हो सके और आने वाले वक़्त में हम ऐसी महामारी के प्रति सतर्क हो सकें। कोरोना वायरस का पहला केस चीन के वुहान शहर में पिछले वर्ष दिसंबर 2019 में सामने आया था। जिसके उपरांत से दुनियाभर में करीब 11 करोड़ लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं और करीब 24 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। जंहा इस बात का पता चला है किजॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के अनुसार अमेरिका में संक्रमण के 2,71,89,188 मामले सामने आ चुके हैं और 4,68,103 लोगों की मौत हो गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन को कोरोना वायरस फैलने की प्रारंभिक जांच की जिस तरह से जानकारी मुहैया करवाई जाने वाली है गई, उस पर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कड़े शब्दों वाला बयान जारी किया है। जंहा अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने कहा, 'कोविड-19 फैलने की प्रारंभिक जांच की जानकारी जिस तरह से मुहैया कराई गई, उससे हम चिंतित हैं। यह जरूरी है कि यह रिपोर्ट स्वतंत्र हो, इसमें विशेषज्ञों की राय शामिल हो और इसमें चीनी सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं हो'। रिंकू शर्मा के परिजनों से मिले मनोज तिवारी, कहा- 'CM केजरीवाल का दोषियों को मौन समर्थन है' यूपी में बोरवेल के अंदर गिरी 3 वर्ष की मासूम पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर आतंकवादी रच रहे थे बड़ा षड्यंत्र, इस तरह हुआ नाकाम