दुनियाभर में कोरोना वायरस से निपटने की मुहिम चल रही हैं. इस वायरस से लड़ने का टीका विकसित करने के लिए लाखों डॉलर के अभियान में अमेरिका से ऑस्ट्रेलिया तक के वैज्ञानिक नई तकनीक का भी सहारा ले रहे हैं. हालांकि, इस वायरस से लड़ने की वैक्‍सीन आने में छह महीने का वक्‍त लग सकता है. तब तक हर रोज करीब 100 लोगों की जान ले रहा यह वायरस सैकड़ों और लोगों की जिंदगी लील सकता है. आतंकी फंडिंग मामले को लेकर बड़ा खुलासा, फैसले से बचने के लिए हाफ‍िज सईद ने चली चाल आपकी जानकारी के लिए बता दे कि दुनिया के अलग अलग हिस्‍सों में तेजी से फैले रहे इस वायरस ने अकेले चीन में ही 800 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है जबकि 37,500 से अधिक संक्रमित हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि अमूमन किसी भी टीके को तैयार करने में वर्षों लग जाते हैं. ऐसा इसलिए क्‍योंकि वैक्‍सीन का पहले जानवरों पर परीक्षण किया जाता है फ‍िर इंसानों पर टेस्‍ट के लिए मंजूरियां ली जाती हैं. लेकिन वायरस के गंभीर खतरे को देखते हुए विशेषज्ञों की कई टीमें जल्द से जल्द टीका बनाने में जुटी हैं. कोरोनावायरस के चलते DGCA का बड़ा आदेश, कहा- 15 जनवरी से पहले चीन गए भारतीय... इस मामले को लेकर उन्होने रिपोर्ट में कहा कि इस कदम को अंतरराष्ट्रीय स्तर के गठबंधन का समर्थन हासिल है. ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक उम्‍मीद कर रहे हैं कि छह महीने के भीतर कोरोना वायरस से लड़ने का टीका इजाद कर लिया जाएगा. ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि हमारे ऊपर बहुत जिम्मेदारी है और शोधकर्ताओं पर बेहद दबाव है. दुनिया भर में वैज्ञानिकों की टीमें इस काम में लगी हैं. शमीमा को ले डूबा ISIS का इश्क़, 15 साल की उम्र में बन बैठी थी आतंकियों की दुल्हन WHO का दावा ! कोरोना वायरस को बेअसर कर सकता है लहसुन इटली के कारोबारी से शादी करेंगी ब्रिटेन की प्रिंसेस, सेंट जेम्स पैलेस में होगी रॉयल वेडिंग