शोधकर्ताओं की टीम कोरोना वायरस के विरूध्द एक ऐसी दवा की खोज में जुटी है, जिसकी एक खुराक नाक के माध्यम से दी जाएगी. शोधकर्ता इस दिशा में एक कदम आगे जा चुके हैं. अब तक चूहों पर किया गया प्रयोग सफल रहा है. दवा की खुराक चूहों में संक्रमण को रोकने में प्रभावी रही है. इससे रोग की प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है, जिसके चलते कोरोना वायरस के प्रसार पर अंकुश लग सकता है. अगर यह प्रयोग सफल रहा तो विश्व में कोरोना वायरस के प्रसार को सीमित किया जा सकता है. कोरोना वायरस के कर्व को काबू करने में सहायता मिलेगी. चीन की 'शर्मनाक' हरकत फिर उजागर, बच्चों की पीठ पर चलते चीनी राजदूत का फोटो वायरल अमेरिका में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं का दावा है कि यह दवा कोरोना के विरूध्द लड़ने की शक्ति देगा. यह कोरोना वायरस को रोकने में फायदेमंद होगा. यह शरीर में एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली को विकसित करेगा. इससे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है. यह दवा विशेष रूप से नाक और श्वसन तंत्र में बहुत प्रभावी है. इसका मकसद संक्रमण को बॉडी में होने से रोकना है. हालांकि, उन्‍होंने बताया कि यह दवा अभी विकसित होने की प्रक्रिया में है. ब्राजील के राष्ट्रपति का बड़ा बयान, कहा- देश में महामारी के प्रभाव के बाद सामान्य हो रहे हालात शोधकर्ता इस दवा को मनुष्‍यों पर परीक्षण करने की योजना बना रहे हैं, ताकि यह देखा जा सके कि कोविड-19 के संक्रमण को रोकने में यह कितना असरकारक है. वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल के वरिष्ठ लेखक माइकल एस डायमंड ने कहा इसके परिणाम चकित करने वाले हैं. वैक्‍सीन के प्रयोग ने चूहों को बीमारी से अच्‍छी तरह से संरक्षित किया है. चूहों की प्रतिरक्षात्‍मक प्रणाली मजबूत होने के सबूत भी मिले हैं. इन चूहों को कोविड-19 के संक्रमण का कोई खतरा नहीं है. आयरलैण्ड के पार्क में दिखी गणपति बाप्पा की अद्भुत प्रतिमा अगर जो बिडेन जीते तो अमेरिका पर हो जाएगा चीन का कब्ज़ा - डोनाल्ड ट्रम्प पाक में कोरोना ने मचाई तबाही, 6 हजार से अधिक लोगों की मौत