वाशिंगटन: अमेरिका का कोलोराडो इन दिनों एक अनूठी लेकिन पुरानी प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है. जंहा यह प्रतियोगिता बर्फ पर अपनी सोच को एक अलग नजरिया देने के लिए राखी गई है. वहीं ब्रेकेनरिज में हो रही 30वीं वार्षिक अंतरराष्ट्रीय स्नो स्कल्पचर चैंपियनशिप की अनूठी प्रतियोगिता के लिए दुनिया भर से 16 टीमों को चुना गया है, जिसमें एक भारत की भी है. इसके अलावा अमेरिका की ही अलास्‍का, मिनेसोता, विस्‍कोंसिन, वरमोंट और ब्रेकेनरिज टीम, चीन, इक्‍वाडोर, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, मेक्सिको, मंगोलिया, स्विटजरलैंड, तुर्की, भी इस प्रतियोगिता का हिस्‍सा हैं. कोलोराडो में इस प्रतियोगिता की शुरुआत 24 जनवरी से हुई है और यह 29 जनवरी तक चलने वाली है. आपको यहां पर ये भी बता दें कि पिछले वर्ष हुई इस प्रतियोगिता में मेक्सिको की टीम ने बाजी मारी थी. उनकी बनाई सिनोटे गार्डन नाम की कलाकृति को गोल्‍ड अवार्ड मिला था, जबकि सिल्‍‍‍‍वर पाकर जर्मनी दूसरे स्‍थान पर और तीसरे स्‍थान पर ब्रिटेन रहा था. कई मायनों में खास है ये प्रतियोगिता: वहीं इस प्रतियोगिता कई मायने में बेहद खास होते है. इस प्रतियोगिता में शामिल सभी टीमों को बराबर साइज या वजनी बर्फ का एक ब्‍लॉक दिया जाता है. इस पर प्रतियोगी टीम को अपनी सोच के अनुरूप कलाकृति का निर्माण करना होता है. लेकिन इस कलाकृति को बनाने में किसी भी तरह की मशीनरी या इलेक्ट्रिकल इक्‍यूपमेंट का उपयोग करने की इजाजत नहीं होती है. इस कलाकृति को केवल हैंड टूल्‍स के माध्‍यम से ही तैयार करना होता है. 20 टन के आइस ब्‍लॉक से तैयार कलाकृतियां: हम आप[को बता दें कि इस बार इस प्रतियोगिता के लिए सभी टीमों को 20 टन का आइस ब्‍लॉक दिया गया है. इस प्रतियोगिता की एक खास बात ये भी है कि इसके लिए हर टीम को 5 दिन का समय दिया जाता है. वहीं इन 5 दिनों के अंदर ही अपनी सोच को इस बर्फ के ब्‍लॉक पर बनाना होता है. भारत की बात करें तो इस प्रतियोगिता में शामिल भारतीय टीम ने यहां पर शेषनाग की थीम पर कलाकृति तैयार की है, जिसे ‘ट्राइंफ ओवर एविल’ नाम दिया गया है. खुद को दूसरों से बेहतर दिखाने के लिए सभी टीमें यहां पर दिन रात एक कर देती हैं. इस प्रतियोगिता के दौरान ब्रेकेनरिज एक ओपन आउटडोर आर्ट गैलरी के तौर पर सामने आता है. पुतिन के संवैधानिक सुधारों को बड़ी संख्या में मिला सांसदो का समर्थन अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में इस भारतीय महिला ने उम्मीदवारी से खुद को किया अलग कनाडा में छात्रा के साथ हुए हादसे को लेकर भारतीय विदेश मंत्री ने उठाया बढ़ा कदम