नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान जनरल इलेक्ट्रिक (JE) के भारत में जेट इंजन फैक्ट्री स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। बता दें कि, पहले भी अमेरिका इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति प्रकट कर चुका है, मगर इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। अमेरिका की जो बाइडेन सरकार की हरी झंडी के बिना अमेरिकी रक्षा कंपनियां देश से बाहर संयुक्त उपक्रम स्थापित नहीं कर सकती हैं। बता दें कि, भारत अपने हल्के लड़ाकू विमान में JE से खरीदे गए इंजनों का ही उपयोग कर रहा है। आने वाले 10-15 सालों में भारत नई पीढ़ी के 400 फाइटर जेट तैयार करने का प्लान बना चुका है। इसलिए भारत का प्रयास यह है कि JE और HAL के बीच भारत में संयुक्त उपक्रम स्थापित किया जाए, जिसके माध्यम से विमान का इंजन भारत में ही तैयार हो सके। इससे जहां लागत में कमी आएगी। वहीं भारत में युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार सृजन भी पैदा होंगे। रक्षा मंत्रालय से संबंधित सूत्रों की मानें, तो बाइडन प्रशासन 22 जून को पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान JE-HAL के संयुक्त उपक्रम स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान कर सकता है। हालांकि, व्हाइट हाउस या JE की ओर से इस संबंध में अभी तक आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है। वहीं, सूत्रों का कहना है कि, इस मामले में भारत प्लान बी पर भी काम कर रहा है। वह जेट इंजन बनाने वाली कुछ अन्य अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों से भी संपर्क में है। इनमें रोल्स रायस, प्रैट एंड विंटले, यूरोजेट शामिल हैं, मगर पहली तरजीह JE को दी जा रही है, क्योंकि उसके इंजन का इस्तेमाल पहले से ही तेजस फाइटर जेट में किया जा रहा है। ओडिशा ट्रेन हादसा: पटरियों पर दौड़ी मौत, 280 लोगों ने गंवाई जान, 900 से अधिक घायल आतंकवाद का कोई धर्म नही होता! फिर आतंकी बनने से पहले धर्म क्यों बदलना पड़ता है ? असम: 39 उग्रवादियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता, पुलिस के सामने डाले हथियार