नई दिल्ली: दुनिया के कुपोषितों में से 19 करोड़ कुपोषित लोग भारत में हैं. भारतीय आबादी के सापेक्ष भूख की मौजूदगी करीब साढ़े 14 फीसदी की है. भारत में पांच साल से कम उम्र के 38 प्रतिशत बच्चे सही पोषण के अभाव में जीने को विवश है, जिसका असर उनके मानसिक और शारीरिक विकास, पढ़ाई-लिखाई और बौद्धिक क्षमता पर पड़ता है. श्रीलंका और चीन का रिकॉर्ड इस मामले में भारत से बेहतर हैं जहां क्रमशः करीब 15 प्रतिशत और 9 प्रतिशत बच्चे कुपोषण और अवरुद्ध विकास के पीड़ित हैं. भारत की महिलाओं की हालत भी कुछ अच्छी नहीं है, भारत में युवा उम्र की ही 51 प्रतिशत महिलाऐं खून की कमी यानि अनीमिया से पीड़ित हैं. हाल ही में एक रिपोर्ट ने दावा किया है कि जिस तरह से भारत में कार्बन डाई-ऑक्साइड का स्तर बढ़ रहा है, उससे 2050 तक भारत में कुपोषितों की संख्या बढ़ सकती है. अमेरिका के हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में खुलासा किया है कि कार्बन डाई ऑक्साइड के कारण 2050 तक 17.5 करोड़ लोगों में जिंक की कमी जबकि 12.2 करोड़ लोगों में प्रोटीन की कमी हो जाएगी. यह वैश्विक आंकड़ें हैं. रिपोर्ट में कुपोषण की वजह बताते हुए कहा गया है कि काबर्न डाई ऑक्साइड के बढ़ते स्तर के कारण चावल और गेहूं जैसी मुख्य फसलें कम पोषक हो रही हैं, जिससे कुपोषण का खतरा बढ़ रहा है. अगर भारत की बात करें तो कम से कम 3.8 करोड़ लोगों में प्रोटीन की कमी होने का खतरा है और 50.2 करोड़ महिलाओं और बच्चों पर आयरन की कमी होने की आशंका रिपोर्ट में दिखाई है. "स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रीशन इन द वर्ल्ड, 2017" रिपोर्ट बताती है कि 2015 में करीब 78 करोड़ थी तो 2016 में यह बढ़कर साढ़े 81 करोड़ हो गई है. हालाँकि इस रिपोर्ट में भारत को भुखमरी के मामले में 22वें स्थान पर रखा गया है, लेकिन जिस तरह से ये समस्या भारत में पनप रही है, उससे जल्द ही हालत गंभीर हो चुके हैं. ये हैं दुनिया से सबसे भूखे देश 1- चाड के पड़ोसी देश सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिकन में ग्लोबल हंगर इंडेक्स के मुताबिक भूख की स्थिति सबसे गंभीर है. 2 - मध्य अफ्रीकी देश चाड को 44.3 स्कोर के साथ भूख के सामने सबसे ज्यादा बेबस देशों की सूची में दूसरे स्थान पर रखा गया है. 3 - ग्लोबल इंडेक्स में 50 से ज्यादा स्कोर को अत्यधिक खतरनाक स्थिति माना गया है. 39 अंक पाने वाले जांबिया की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई गई है. 4 - 2010 में विनाशकारी भूकंप और 2016 में तूफान मैथ्यू से तबाही झेलने वाला कैरेबियन देश हैती ग्लोबल हंगर इंडेक्स में नीचे से चौथे स्थान पर है. 5 - अफ्रीकी देश मेडागास्कर को पांचवें स्थान पर रखते हुए वहां भूख की समस्या को खतरनाक स्थिति वाला बताया गया है. 6 - कई साल से गृह युद्ध झेल रहा यमन भूख की समस्या के सबसे ज्यादा शिकार देशों की सूची में छठे स्थान पर है. 7 - भूख की समस्या से निपटने के मामले में स्थिति पश्चिमी अफ्रीकी देश सिएरा लिओन में भी गंभीर ही है, जिसे नीचे से सातवें पायदान पर रखा गया है. 8 - अफगानिस्तान को इस साल ग्लोबल हंगर इंडेक्स में नौवें स्थान पर रखा गया है. 9 - कुपोषण और पांच साल के बच्चों की मृत्यु दर के आधार पर तैयार किए गए इस इंडेक्स में नौवें स्थान पर पूर्वी तिमोर को रखा गया है. 10 - सबसे ज्यादा भूख की समस्या का सामना करने वाले 10 देशों में से पांच देश अफ्रीका के है. इस मामले में दसवें पायदान पर नाइजर है, जहां स्थिति को गंभीर बताया गया है. ये भी पढ़ें:- जन्म दिन विशेष : मेजर ध्यानचंद को कभी हिटलर ने किया था जर्मनी नागरिकता का ऑफर लड़कियों के लिए मानसिक और भावनात्मक घाव है खतना : सुप्रीम कोर्ट महिलाओं के खतना के खिलाफ दायर की हुई याचिका पर आज होगी सुनवाई