न्यूयॉर्क: अमेरिकी संसद के दोनों सदनों ने 'रेसिप्रोकल एक्सेस टू तिब्ब्त एक्ट' पारित कर दिया है, अब यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास हस्ताक्षर करने के लिए भेजा गया है, जिसके बाद इसे कानून का दर्जा मिल जाएगा. अमेरिकी संसद द्वारा तिब्बत पर एक सख्त कानून लागू किए जाने के सन्दर्भ में अमेरिका के एक शीर्ष सीनेटर ने बुधवार को कहा है कि यह कानून दशकों से हो रहे अन्याय के समाधान की दिशा में मजबूत कदम है. पाकिस्तान ने अमेरिका की ब्लैक लिस्ट को नाकारा, ट्रम्प प्रशासन ने लगाया था धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने का आरोप इस कानून के तहत अमेरिकी नागरिकों, सरकारी अधिकारियों और पत्रकारों को तिब्बत तक जाने की इजाजत नहीं देने वाले चीनी अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाने सहित अन्य कठोर कदम भी शामिल हैं. अमेरिकी सीनेटर पैट्रिक लीह ने सदन में कहा यह कानून दशकों से हो रहे अन्याय के समाधान की दिशा में अमेरिका का मजबूत कदम है. भारतीय हॉकी खिलाड़ियों पर बरसीं हॉकी इंडिया की आला अधिकारी उन्होंने रेखांकित किया कि चीन की सरकार ने मनमाने रवैए से तिब्बत जाने के लिए विदेशी राजनयिकों, पत्रकारों और पर्यटकों को विशेष परमिट जारी करने की अनिवार्यता लगा रखी है और वह अकसर परमिट देने से मना भी कर देता है. जबकि शिन्जियांग सहित अन्य क्षेत्रों के लिए ऐसी कोई अनिवार्यता लागू नहीं है. लीह ने कहा जब चीन परमिट जारी कर भी देता है, उस वक्त चीनी सरकार का एक गाइड हमेशा यात्री के साथ मौजूद होता है. खबरें और भी:- म्यांमार में राष्ट्रपति कोविंद ने किए 187 वर्ष पुराने काली मंदिर में दर्शन नेतन्याहू का दावा, अरब और इस्लामी देशों के साथ इजराइल के बेहतर सम्बन्ध इमरान ने आम जनता के लिए खोले राष्ट्रपति भवन के द्वार, पूरा किया अपना वादा