वाशिंगटन: अमेरिका में एक बार फिर पुलिस की बर्बरता सामने आई है। इस बर्बरता ने लगभग महीने भर पहले हुए जॉर्ज फ्लायड कांड की याद दिला दी है। इस बार एक भारतीय मूल का व्यक्ति पुलिसकर्मियों की बर्बरता का शिकार हुआ है। हालांकि, राहत की बात यह है कि बाद में इस व्यक्ति को पुलिस अस्पताल ले गई, जिससे उसकी जान बच गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों में भारी आक्रोश है और एक बार फिर देश भर में पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आरंभ हो गए हैं। यह मामला न्यूयॉर्क का है, जहां सोमवार को स्केनेक्टडी शहर में युगेश्वर गैंदरपरसौद को अरेस्ट करने के दौरान उसके गले को घुटने से दबाते एक पुलिसकर्मी के वायरल हो रहे वीडियो ने 25 मई को मिनियोपोलिस में जॉर्ज फ्लॉयड के साथ हुई घटना की याद दिला दी। हालांकि, इस घटना में युगेश्वर को अरेस्ट किए जाने के बाद अस्पताल ले जाया गया और वे बच गए। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे अमेरिका में पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गए हैं। बाद में युगेश्वर गैंदरपरसौद ने भी स्केनेक्टडी पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर तक़रीबन 100 लोगों के साथ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के डेमोक्रेटिक सदस्य पॉल टोनको ने बताया कि, "मैं स्केनेक्टडी के एक पुलिस अधिकारी की इस हिंसा को देखकर क्रोधित और हैरान हूं।" वहीं, इस घटना पर शहर के पुलिस प्रमुख एरिक क्लिफोर्ड ने एक बयान में कहा है कि ऐसी शिकायतें प्राप्त हुईं थीं कि युगेश्वर ने एक कार के टायर को काट दिया था और जब पुलिस ने उसे अरेस्ट करने का प्रयास किया तो उसने विरोध किया। उन्होंने कहा कि उसके गले को पकड़ने की कोशिश सिर्फ उसे काबू करने के लिए की गई थी। क्या आयुर्वेद में मिलेगा कोरोना का तोड़ ? भारत के बाद अब अमेरिका शुरू करेगा ट्रायल पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 से चीनी सेना के पूरी तरह पीछे हटने के बाद आया चीन का बयान अमेरिका ने फिर किया चीन पर हमला, खिलाफत में किया ऐसा काम