न्यूयार्क: हाल ही में इस बात की पुष्टि हुई है कि दुनिया की पहली महिला फिजिशियन कही जाने वालीं मेरिट पीटह कभी अस्तित्व में है ही नहीं. जंहा इस बात पर गौर फ़रमाया गया है कि मेरिट को महिलाओं के चिकित्सा के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए प्रेरणा के रूप में एक रोल मॉडल के तौर पर याद किया जाता है. यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो के शोधकर्ता जैकब क्वीसिंस्की ने कहा है कि मेरिट की कहानी गलत पहचान का मुद्दा सामने आया है. एक जासूस की तरह मुझे उनकी कहानी की पड़ताल करनी पड़ी. मैंने हर सिरा खंगाला ताकि पता चल सके कि मेरिट की शुरुआत कैसे हुई और किसने उनके बारे में सबसे पहले बताया. जैकब के मुताबिक उन्हें मेरिट का नाम हर जगह मिला-यहां तक कि शुक्र के एक क्रेटर का नाम भी उन पर है, लेकिन जल्द ही मुझे पता चल गया कि इसका कोई सुबूत नहीं है कि मेरिट का वास्तव में कोई अस्तित्व था. सूत्रों से मिली जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि चिकित्सा के इतिहास का अध्ययन करने वाले जैकब का शोध हिस्ट्री आफ मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित हुआ है. जैकब ने शोध में लिखा है कि इसका कोई रिकार्ड नहीं है कि इस नाम का कोई फिजिशियन कभी था. पुरानी राजशाही में उनका नाम जरूर मिलता है, लेकिन मिस्त्र के प्राचीन चिकित्सकों की किसी सूची में उनका नाम नहीं है. वहीं इस बात का पता चला है कि एक अन्य नाम चिकित्सक पेसेसेट का मिलता है जिन्हें भ्रमवश मेरिट पीटह समझ लिया गया. जैकब ने लिखा है कि खास बात यह भ्रम नहीं है, बल्कि एक के बाद एक इतिहासकारों की पीढ़ी ने यह बताने की प्रतिबद्धता दिखाई कि साइंस और मेडिसिन हमेशा पुरुषों के वर्चस्व वाला क्षेत्र नहीं रहा. इसके लिए मेरिट पीटह को एक मिसाल के रूप में देखा जाने लगा है. मेक्सिको में नेशनल गार्ड और आतंकियों के मध्य घमासान युद्ध, 8 ने गवाईं अपनी जान दुनियाभर में पत्रकारों के लिए ये साल रहा बहुत बुरा, 49 पत्रकारों की हत्या ने दिया झटका दिल की बीमारी के इलाज के लिए नई तकनीक की हुई खोज, जाने