वाशिंगटन: यह बात तो हम सभी जानते है कि आज के इस दौर में ऐसा कोई भी नहीं है जो कोई न कोई बीमारी से ग्रसित न हो. हर दिन कोई न कोई ऐसा मामला सामने आ ही जाता है, जिससे यह साफ़ पता चलता है कि आज भी कई लोग गंभीर बीमारियों से लड़ रहे है. वहीं ऐसे में फिट रहने के लिए पैदल चलना सबसे आसान तरीकों में से एक है. अब शोधकर्ताओं ने पाया है कि ज्यादा समय तक पैदल चलने से असामयिक मृत्यु से जुड़े खतरे कम हो जाते हैं. जर्नल जामा में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि एक व्यक्ति हर दिन कितने कदम पैदल चलता है, उसका मृत्यु दर से सीधा संबंध होता है. कितना चलें पैदल: अध्ययन में यह भी कहा गया है कि कदम बढ़ाने की तीव्रता का मृत्यु दर के साथ कोई संबंध नहीं है. अध्ययन के लेखक अमेरिका में नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के पेड्रो सेंट-मौरिस ने कहा कि हम सभी यह जानते हैं कि शारीरिक गतिविधि स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है, लेकिन हम यह नहीं जानते कि असामयिक मृत्यु के जोखिम को कम करने के लिए हमें कितने कदम रोजाना उठाने की जरूरत है या फिर उच्च तीव्रता से कदम उठाने से क्या असर होता है. बुजुर्गों पर किया अध्‍ययन: जानकारी के अनुसार पेड्रो सेंट-मौरिस ने कहा कि हम इस सवाल की जांच इसलिए करना चाहते हैं ताकि लोग फिटनेस ट्रैकर्स और फोन एप के जरिये की जाने वाले कदमों की गिनती के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को बेहतर ढंग से समझ सकें. सेंट-मौरिस ने कहा कि अब तक के अध्ययन कदमों की संख्या और मृत्यु से उसके संबंधों को जानने के लिए की गई है. हालांकि, वे मुख्य रूप से बुजुर्गों के या फिर पुरानी बीमारी से पीडि़त लोगों पर किए गए थे. ब्रिटेन में कोरोना की बढ़ी मार, मरने वालों की संख्या 463 के पार स्पेन में लॉकडाउन के बाद भी मौत का सिलसिला जारी आखिर क्यों पूरी तरह लॉकडाउन नही चाहते ट्रंप ?