इस बार गुजरात के चुनाव में बीजेपी -कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दलों में उम्मीदवारों को लेकर जारी माथा पच्ची देखने को मिल रही है. लेकिन ताज़्जुब की बात यह है कि बीजेपी में गुजरात की पूर्व सीएम आनंदी बेन पटेल और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के बीच टिकटों के आवंटन को लेकर अनबन होने का मामला सामने आया है. इसे दोनों के बीच शक्ति परीक्षण माना जा रहा है. इसमें अमित शाह का पलड़ा भारी बताया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि इस बार गुजरात चुनाव में बीजेपी की राजनीति के दो कद्दावर नेता अमित शाह और आनंदीबेन पटेल के बीच टिकटों की खींचतान चर्चा का विषय बनी हुई है. राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर चटखारे लिए जा रहे हैं. समग्र रूप से अमित शाह का पलड़ा भारी नज़र आ रहा है. शह और मात के इस खेल में जामनगर से वसुबेन त्रिवेदी (जो आंनदीबेन पटेल की बहन का टिकट काटने के साथ ही अहमदाबाद के एलिसब्रिज एरिया से राकेश शाह, धारी से दिलीप संघानी, वाव से शंकर चौधरी, अहमदाबाद से ही जगरूपसिंह राजपूत, भरत बारोट, जगदीश पांचाल, दसक्रोई से बाबू जमनादास पटेल और कच्छ से डॉ नीमबेन आचार्य को टिकट दिलवाने में अमित शाह कामयाब रहे. जबकि दूसरी ओर आनंदीबेन पटेल उंझा से नारायण लल्लू पटेल, घाटलोडिया से भूपेंद्र पटेल, पूर्व गृह मंत्री रह चुके रजनी पटेल और अहमदबाद के साबरमती क्षेत्र से अरविन्द पटेल को टिकट दिलवाने में सफल रहीं. जबकि घाटलोडिया सीट से अमित शाह अपने उम्मीदवार बिपिन पटेल उर्फ़ सिक्का को टिकट देना चाहते थे. लेकिन यहां आनंदी ने बाज़ी मार ली. हालाँकि आनंदीबेन पटेल का अपनी बेटी अनार पटेल को इस बार चुनाव लड़ने से दूर रखने का फैसला हैरान करने वाला है. लेकिन इन दोनों की लड़ाई में स्वर्गीय हरेन पंड्या की पत्नी जागृति पंड्या, अहमदाबाद के पूर्व मेयर अमित शाह, युवा भाजपा नेता अमित ठाकर, डॉ. ऋत्विज पटेल, अहमदाबाद के मेयर गौतम शाह और कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए नरहरी अमीन टिकट पाने से वंचित रहे. यह भी देखें क्या योगी का धुंआधार प्रचार, लगाएगा भाजपा की नैया पार? कमल कीचड़ में ही खिलता है : पीएम मोदी