चाणक्य नीति :ऑपरेशन 2019, NDA और अमित शाह

लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर बीजेपी समय से पहले ही सजग हो गई है और उप चुनावों में मिली हार को सबक के तौर पर देख कर किले को मजबूत बनाने का काम में लग गई है. इस बार भी लीड फ्रॉम फ्रंट की भूमिका निभाते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने नीतिगत तरीके से काम शुरू कर दिया है. और व्यूह रचना की शुरुआत के पहले चरण में विपक्ष के एकजुट होने की नीति को देखते हुए  सबसे पहले NDA के रूठे हुए दोस्तों को मनाने का काम शुरू कर दिया गया है. शिवसेना के उद्धव ठाकरे, आंध्र में चंद्रबाबू नायडू और बिहार में नीतीश कुमार को साधने के साथ साथ अन्य जगहों पर भी डैमेज कण्ट्रोल जारी है.

हालांकि सहयोगी अभी भी अपने पत्ते नही खोल रहे है जो बीजेपी के लिए चिंता का विषय है. वही दूसरी और विपक्ष बीजेपी और मोदी के के खिलाफ एक जुटता को जीत का मूल मंत्र मान चुका है जो की एक हद तक सही भी है. इसी बीच अमित शाह किसी भी कीमत पर हारना नही चाहते है और इसी के लिए उन्होंने देश की बड़ी हस्तियों को साधने का काम भी करना उचित समझा है. वे देश की सबसे मशहूर 50 हस्तियों से खुद मिलकर उन्हें सरकार के किये कामों की जानकारी देते हुए उनसे संपर्क फॉर समर्थन मुहीम के तहत बीजेपी सरकार का साथ देने की अपील कर रहे है. अब तक वे कपिल देव, उद्धव ठाकरे, बाबा रामदेव, माधुरी दीक्षित जैसे लोगो से मिल भी चुके है.

इसी मुहीम के तहत बीजेपी के 4000  बड़े नेताओं जिनमे मंत्री, सांसद  और विधायक शामिल है को अपने अपने क्षेत्र की 25 -25 बड़ी हस्तियों से मिलने का टारगेट भी दिया जा चुका है. मतलब साफ है बीजेपी किसी भी तरह की कोई कसार नही छोड़ना चाहती. हवा का रुख फ़िलहाल बीजेपी और NDA के साथ है. उस पर अमित शाह की चाणक्य नीति 2019 में भी सभी एक जुट विपक्षियों पर भारी पड़ने को तैयार है.   

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