चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राज्य में तीसरी बार सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री पद के लिए केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, वरिष्ठ नेता अनिल विज, और नायब सिंह सैनी जैसे प्रमुख उम्मीदवार सामने आए हैं। बीजेपी ने विधायक दल का नेता चुनने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि विधायक दल की बैठक में कोई विवाद न हो और नेता का चुनाव बिना किसी गुटबाजी के हो सके। बीजेपी विधायक दल की बैठक 16 अक्टूबर को होने वाली है, जिसमें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का चयन किया जाएगा। पार्टी ने अमित शाह और मोहन यादव को पर्यवेक्षक के रूप में भेजकर यह सुनिश्चित किया है कि किसी तरह की असहमति या विरोध की स्थिति पैदा न हो। इस बार पार्टी नायब सिंह सैनी के नाम पर मुहर लगाने की योजना बना रही है, क्योंकि पार्टी ने चुनाव से पहले उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया था। इससे पहले, मार्च में मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफा देने के बाद हुई बैठक में नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नेता चुना गया था, लेकिन उस समय अनिल विज नाराज होकर बैठक से बाहर चले गए थे और कैबिनेट का हिस्सा नहीं बने थे। इस बार बीजेपी हाईकमान ने पहले से ही तैयारी करके किसी भी तरह के असंतोष को रोकने की कोशिश की है। बीजेपी को अपनी तीसरी बार की सरकार बनाने में अनिल विज और राव इंद्रजीत सिंह की दावेदारी को संतुलित करना होगा। अनिल विज, जो अंबाला से सातवीं बार विधायक बने हैं, मुख्यमंत्री पद की अपनी दावेदारी पर अड़े हुए हैं। दूसरी ओर, राव इंद्रजीत सिंह ने भी मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश जताई है और अपनी बेटी आरती राव को अटेली सीट से विधायक बनवाने में सफल रहे हैं। उन्होंने चुनाव के दौरान नौ विधायकों का समर्थन जुटाकर अपनी पकड़ मजबूत बनाई है। राव इंद्रजीत सिंह दक्षिण हरियाणा के यादव समुदाय में एक मजबूत नेता माने जाते हैं और अहीरवार बेल्ट में उनकी अच्छी पकड़ है। बीजेपी ने इन क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया है, जो राव इंद्रजीत के पक्ष में जाता है। बीजेपी ने इसी को ध्यान में रखते हुए मोहन यादव को भी पर्यवेक्षक नियुक्त किया है, ताकि राव इंद्रजीत से सामंजस्य बिठाया जा सके और संभावित असहमति को पहले से ही खत्म किया जा सके।बीजेपी ने हरियाणा में विधानसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत हासिल किया है, लेकिन पार्टी की योजना है कि विधायक दल के नेता का चयन बिना किसी विवाद और गुटबाजी के हो, ताकि नई सरकार के गठन में कोई रुकावट न आए। पीएम मोदी से मिलने पहुंचीं आतिशी मार्लेना, CM बनने के बाद पहली मुलाकात 'हमें नहीं पता, हाईकोर्ट जाइए..', LG द्वारा 5 विधायक मनोनीत करने पर SC का जवाब उद्धव ठाकरे के हार्ट में आया ब्लॉकेज, पहुंचे रिलायंस हॉस्पिटल