श्रीनगर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की स्थानीय राजनितिक पार्टियों के अनुरोध से इनकार करते हुए कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ बातचीत करने के उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इस सप्ताह उत्तरी कश्मीर में एक रैली के दौरान अमित शाह ने कहा है कि, 'जम्मू-कश्मीर पर 70 वर्षों तक शासन करने वाले लोग कह रहे हैं कि हमें पाकिस्तान के साथ बात करनी चाहिए। हमें पाकिस्तान से क्यों बात करनी चाहिए? हम बात नहीं करेंगे। हम बारामूला के लोगों से बात करेंगे। हम कश्मीर की जनता से बात करेंगे।' इस प्रकार भारत सरकार ने एक बार फिर पाकिस्तान से बातचीत करने पर साफ़ मना कर दिया है। बता दें कि 2019 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कश्मीर के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश की थी। पाकिस्तान के साथ बातचीत से इनकार कर देना, नेशनल कांफ्रेंस (NC) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) जैसे क्षेत्रीय दलों के लिए एक बड़ा झटका है, जो केंद्र सरकार से कश्मीर के मुद्दे पर इस्लामाबाद के साथ वार्ता करने का अनुरोध कर रहे हैं। अपने बयान के साथ अमित शाह ने नई दिल्ली की नीति में आए परिवर्तन की बात को दोहराया है। केंद्र सरकार का मानना है कि पाकिस्तान के साथ वार्ता करने का एकमात्र उद्देश्य पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) पर बात करना है। नई नीति में पारंपरिक सियासी दलों द्वारा चलाए जा रहे ‘नरम अलगाववादी’ नरेटिव को हाशिए पर धकेल दिया गया है और एक नए सियासी को तैयार किया जा रहा है, जो कश्मीर पर एक ‘राष्ट्रवादी नरेटिव’ को आगे बढ़ा रहा है। यह तबका मानता है कि कश्मीर में पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं है। 'मैं राम-कृष्णा को ईश्वर नहीं मानता..', अरविन्द केजरीवाल का पोस्टर हुआ वायरल कानून व्यवस्था की समीक्षा में सख्त दिखे सीएम, जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने के दिए निर्देश जिन्हे कोसते-कोसते नहीं थकते राहुल गांधी, उन्ही अडानी से निवेश ले रहे गहलोत.., भाजपा ने कसा तंज