नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने 1,000 वर्षों तक अपनी संस्कृति, भाषा और धर्म के लिए जंग लड़ी, जो बेकार नहीं गई। शाह ने कहा कि इस लड़ाई के दौरान कुर्बानियां देने वालों की आत्मा को आज भारत का पुनरुत्थान देखकर जरूर शांति मिलती होगी। गृह मंत्री ने दिल्ली में ‘महाराणा: सहस्र वर्षों का धर्मयुद्ध’ किताब का विमोचन करने के बाद अपने संबोधन में उक्त बातें कही। इस मौके पर शाह ने मौजूदा लेखकों व इतिहासकारों से अपील करते हुए कहा कि वे इतिहास पर टीका-टिप्पणी छोड़कर देश के गौरवशाली इतिहास को संदर्भ ग्रंथ के रूप में जनता के समक्ष रखें। अमित शाह ने कहा कि, ‘जब हमारा प्रयास किसी से बड़ा होता है, तो झूठ की कोशिश खुद-ब-खुद छोटी हो जाती है। हमें प्रयास बड़ा करने पर ध्यान देना चाहिए। झूठ पर टीका-टिप्पणी करने से भी झूठ का ही प्रचार होता है। हमें कोई नहीं रोकता है, हमारा इतिहास लिखने से। अब हम स्वाधीन हैं। किसी के मोहताज नहीं हैं। हम अपना इतिहास खुद लिख सकते हैं।’ गृह मंत्री ने आगे कहा कि किसी भी समाज को अपना उज्ज्वल भविष्य बनाना हो तो उसे अपने इतिहास से प्रेरणा लेनी चाहिए, उससे सीखना चाहिए और अपने इतिहास से सीखकर अपना आगे का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। गृह मंत्री ने आगे कहा कि इतिहास में कई साम्राज्य हुए, लेकिन इतिहास लिखने वालों ने साम्राज्यों का जब भी उल्लेख किया, तो मुगल साम्राज्य की ही चर्चा की। उन्होंने कहा कि पांड्य साम्राज्य 800 वर्षों तक चला, जबकि अहोम साम्राज्य असम में 650 सालों तक शासन किया। इस साम्राज्य ने बख्तियार खिलजी से लेकर औरंगजेब तक को हरा दिया और असम को आज़ाद रखा। शाह ने कहा कि इसी तरह पल्लव साम्राज्य 600 वर्षों तक, चालुक्य साम्राज्य 600 साल तक, मौर्य साम्राज्य 500 साल तक तथा गुप्त साम्राज्य 400 साल तक शासन किया। अमित शाह ने आगे कहा कि समुद्रगुप्त ने तो पहली बार भारत की कल्पना को चरितार्थ करने का साहस दिखाया, लेकिन इन सब पर कोई संदर्भ ग्रंथ नहीं लिखा गया। 'पापा विधायक हैं हमारे..', पुलिसकर्मियों से भिड़ गई भाजपा MLA की बेटी, मीडिया से भी की बदसलूकी अजब-गजब! भोपाल में 'हनुमान जी' ने चुना जिला पंचायत का सदस्य, जानिए कैसे? मुस्लिम इलाके में 'फांसी' पर नूपुर शर्मा ! स्थानीय पार्षद बोले - ये अफगानिस्तान नहीं...