तीन तलाक़ पर अमित शाह का सवाल, कहा- अगर ये क़ुरान का हिस्सा होता तो मुस्लिम राष्ट्र इसे क्यों हटाते ?

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में रविवार को आयोजित किए गए कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन तलाक मामले पर भाषण देते हुए कहा कि, 'कुछ राजनीतिक पार्टियों को वोट बैंक की आदत पड़ गई थी. तुष्टिकरण की राजनीति के कारण ही तीन तलाक इतने वर्षों तक चलता रहा. जब हम पूरे समाज की परिकल्पना लेकर चलते हैं तो हमें संवेदनाओं के बारे में विचार करना पड़ता है.'

अमित शाह ने कहा कि, 'कांग्रेस के तुष्टिकरण को समाप्त करने में 56 वर्ष का समय लग गया. यदि तीन तलाक़ कुरान का हिस्सा होता तो दुनिया के मुस्लिम देश इसे क्यों हटाते?' शाह ने कहा कि 'मोदी सरकार ने अब मुस्लिम माताओं-बहनों को तीन तलाक से निजात दिलाई है. कई लोग आरोप लगाते हैं कि हमने मुस्लिम समुदाय के विरोध में काम किया. मैं साफ करना चाहता हूं कि तीन तलाक समाप्त होने से मुस्लिम समाज की महिलाओं को समानता का हक़ मिलेगा.'

शाह ने आगे कहा कि  ट्रिपल तलाक़ जैसी सामाजिक कुप्रथा को समाप्त कर पीएम नरेंद्र मोदी का नाम अब राजा राम मोहन राय, ज्योतिबा फूले, महात्मा गांधी और डॉ. भीमराव आम्बेडकर जैसे समाज सुधारकों की सूची में जुड़ गया है. उन्होंने कहा कि  पीएम मोदी ने एक समाज सुधारक के तौर पर देश से परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण को देश की सियासत से ख़त्म करने का काम किया है.

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