मुंबई। भारत की लोकप्रिय हस्ती और बाॅलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन का नाम पनामा पेपर्स में आने के बाद पेराडाईस पेपर्स में भी सामने आया है। गौरतलब है कि सुपर स्टार अमिताभ बच्चन टेलिविजन चैनल पर प्रसारित होने वाले शो कौन बनेगा करोड़पति के 2000 - 02 में प्रसारित हुए प्रथम संस्करण के बाद बरमूडा की डिजिटल मीडिया कंपनी के शेयरहोल्डर बने थे। वर्ष 2004 में उन्होंने भारतीय रिज़र्व बैंक के लिबरलाइज्ड रिमिटेंस स्कीम को प्रारंभ किया। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि अमिताभ बच्चन ने इस तरह की जानकारी आरबीआई को दी या नहीं दी। मिली जानकारी के अनुसार अमिताभ बच्चन और सिलिकाॅन वैली के वेंचर इन्वेस्टर नवीन चड्ढा जलवा मीडिया लिमिटेड के 19 जून 2002 को शेयरहोल्डर बने थे। जलवा वेंचर की स्थापना भारतीय उद्योगपति ने की। इसकी स्थापना वर्ष 2000 में कैलिफोर्निया में हुई थी। इसकी भारतीय इकाई के तौर पर जलवा डाॅट काॅम इंडिया प्रायवेट लिमिटेड को जलवा मीडिया इंडिया प्रायवेट लिमिटेड के तौर पर फरवरी में बनाया गया था। जिस जलवा मीडिया लिमिटेड की बात हो रही है। उसकी स्थापना 4 भारतीय एंटरप्रेन्योर द्वारा जनवरी 2000 में कैलिफोर्निया में हुई थी। जलवा मीडिया ने 1.5 करोड़ डॉलर जिसे मौजूदा समय की दर से करीब 94 करोड़ रुपये के अनुसार आंका जा सकता हैं में वेंचर इन्वेस्टमेंट हासिल करने का लक्ष्य चुना। जलवा मीडिया को इस निवेश से पहले ही लंदन के मिलेनियम डोम से इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकैडमी के लाइव वेबकास्ट का अधिकार मिल चुका था। कंपनी ने अक्टूबर 2000 में देखो फिल्म डॉक कॉम नामक वेबसाइट लॉन्च की और अमेरिकी कंपनी आईबीएम से जून 2001 में मीडिया एंड एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की वेबसाइट के लिए एक कम्पलीट कंटेट मैनेजमेंट सल्युशन देने के लिए समझौता किया। जलवा ने मुंबई में अपना डिजिटल मीडिया इनोवेशंस लैब्रोटरी भी खोली। जिस पेराडाइस पेपर्स की बात सामने आई है उसमें जलवा मीडिया और इससे जुड़े अन्य वेंचर्स में रूपयों के निवेश की जानकारी शामिल है। ऐसे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज सामने आए हैं जिनमें निवेश की डिटेल है। इसमें निवेशकों के नाम का उल्लेख भी है। इस संबंध में जानकारी सामने आई है कि फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन कौन बनेगा करोड़पति केबीसीद्ध के 2000 - 02 में प्रसारित पहले संस्करण के बाद बरमूडा की एक डिजिटल मीडिया कंपनी के शेयरधारक बने थे। साल 2004 में भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई के लिबरलाइज्ड रिमिटेंस स्कीम शुरू करने से पहले तक सभी भारतीयों को विदेश में किए गए निवेश की जानकारी आरबीआई को देनी होती थी। ये साफ नहीं है कि अमिताभ बच्चन ने ये जानकारी आरबीआई को दी थी या नहीं। बरमूडा की कंपनी एप्पलबी के दस्तावेजों के अनुसार अमिताभ बच्चन और सिलिकॉन वैली के वेंचर इन्वेस्टर नवीन चड्ढा जलवा मीडिया लिमिटेड के 19 जून 2002 को शेयरधारक बने थे। ये कंपनी बरमूडा में 20 जुलाई 2002 को बनाई गई थी और साल 2005 में इसे भंग कर दिया गया। जलवा मीडिया शुरुआती डिजिटल मीडिया वेंचर में एक है। इसकी स्थापना चार भारतीय एंटरप्रेन्योर ने जनवरी 2000 में कैलिफोर्निया में की थी। इसकी भारतीय इकाई जलवा डॉट कॉम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बाद में जलवा मीडिया इंडिया प्राइवेट लिमिटेड फरवरी में बनी और बाद में जुलाई में बरमूडा में एक तीसरी कंपनी बनी। मिली जानकारी के अनुसार बरमूडा की कंपनी सिंगापुर की कंपनी एसियासिटी ट्रस्ट और कर चोरों के स्वर्ग माने जाने वाले 19 देशों में करवाई गई काॅर्पोरेट रजिस्ट्रियों से जुड़े लगभग 1 करोड़ 34 लाख दस्तावेज प्राप्त हुए हैं। पैराडाइज पेपर्स जुलाई 2000 में जलवा - इंडिया ने कंपनी में लगभग 32 लाख डाॅलर, मौजूदा दर से लगभग 20 करोड़ रूपए का एंजल इन्वेस्टमेंट, निजी निवेश प्रापत करने की घोषणा करने के लिए किया गया था। अमिताभ बच्चन मैनकाइंड फार्मा के ब्रांड एम्बेसडर बने केबीसी की इस कंटेस्टेंट ने बिग बी को किया 'Shock' शरारती रोबोट के आगे नहीं चलेगी शहंशाह की प्रभु के दरबार में अमिताभ की थिरकन