कोरोना और तूफ़ान के संकट में अमिताभ को याद आईं बाबूजी की पंक्तियां

कोरोना का कहर अब कम हो रहा है, हालाँकि खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में अब चक्रवाती तूफान 'तौकते' ने भी कोहराम मचाया हुआ है। एक दुःख की घड़ी के बीच दूसरी दुःख की घड़ी ने सभी को हैरान-परेशान कर रखा है। अब इस समय भारी तूफान और बारिश हो रही है जिसने लोगों को परेशान कर दिया है। यह संकट की घड़ी जल्द खत्म हो, ऐसी प्रार्थना लोग कर रहे हैं। अब इन सभी के बीच बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को अपने 'बाबूजी' यानी पिता हरिवंश राय बच्चन की पंक्तियां याद आ गई हैं। आप देख सकते हैं उन्होंने हाल ही में कविता को खुद लिखकर फैंस के लिए शेयर किया है।

जी दरअसल उन्होंने एक ट्वीट करते हुए लिखा है- 'बाबूजी के शब्द, बार बार याद आते हैं इन संकट की घड़ियों में। लिखाई मेरी, लेखन उनका'।

'साथी, साथ न देगा दुख भी! काल छीनने दु:ख आता है,

सब जब दु:ख भी प्रिय हो जाता

नहीं चाहते जब हम दु:ख के बदले चिर सुख भी!

 

साथी साथ न देगा दु:ख भी!

जब परवशता का कर अनुभव

अश्रु बहाना पड़ता नीरव,

उसी विवशता से दुनिया में होना पड़ता है हंसमुख भी!

साथी साथ न देगा दु:ख भी!

इसे कहूं कर्तव्य-सुघरताया विरक्ति, या केवल जड़ता,

भिन्न सुखों से, भिन्न दुखों से, होता है जीवन का रुख भी!

साथी साथ न देगा दु:ख भी!'

अब इस समय उनका यह ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उनके फैंस तेजी से इस ट्वीट को पसंद भी कर रहे हैं और रीट्वीट भी कर रहे हैं। आप सभी जानते ही होंगे कि अमिताभ बच्चन कोरोना महामारी में लगातार लोगों की मदद करने में लगे हुए हैं। बीते दिनों ही उन्होंने मुंबई के इमरजेंसी लिए पोलैंड से 50 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ऑर्डर किए हैं। 

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