नई दिल्ली : आतंकी हमले में मारे गए सूफी कव्वाल अमजद साबरी के परिवार ने पाकिस्तान छोड़ने का मन बनाया है। इस परिवार का कहना है कि उसे जान का खतरा है और सुरक्षा कारणों से वे पाकिस्तान छोड़ने का निर्णय ले रहे हैं। गौरतलब है कि सूफी कव्वाल अमजद साबरी को तालिबान के आतंकियों ने मार दिया था। उनकी हत्या वर्ष 2016 में तब हुई थी जब वे अपने घर से स्टूडियो के लिए निकले थे। मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उनकी कार को रास्ते में रोका और गोलियां बरसा दीं, जिससे साबरी घायल हो गए और उनकी मौत हो गई थी। अब साबरी का परिवार यहां नहीं रहना चाहता। परिवार को सुरक्षा और भविष्य की चिंता है। इस मामले में विभिन्न समाचार पत्रों व मीडिया समूहों ने अपने प्रसारण व प्रकाशन में जानकारी देते हुए कहा है कि सूफी कव्वाल के भाई अजमत ने कहा है कि वे लंदन जाने की योजना बना रहे हैं। पाकिस्तान में उन्हें डर बना हुआ है। कव्वालों ने अपना जीवन कराची में बिताया लेकिन अब उन्हें यहां रहने से डर लग रहा है। अजमत ने कहा कि उन्होंने इस बात का अनुभव किया कि उन पर लगातार निगाह रखी जा रही है। वे स्वयं को स्वच्छंद और सुखी अनुभव नहीं कर रहे हैं। वे असुरक्षित अनुभव कर रहे हैं। इस तरह की परिस्थितियों में जीवन जीना बेहद परेशानी भरा है। अजमत का कहना है कि उसे बच्चों के भविष्य की चिंता है। परिवार वीजा के लिए आवेदन दे चुका है। इस कार्य में उन्होंने पूर्व चीफ जस्टिस इफ्तिखार चैधरी से मदद की अपील की थी। सिंध के भारत में नहीं होने का लालकृष्ण आडवाणी को है अफसोस भारत की नज़र में कुलभूषण जाधव को फांसी देने का कदम है सुनियोजित हत्या पाकिस्तान ने 42 भारतीय मछुआरों को लिया हिरासत में