बॉलीवुड में अपनी बेहतरीन अदाकारी से सभी का दिल जीतने वाले अमरीश पुरी का जन्म आज ही के दिन हुआ था। अमरीश पुरी ने कई बेहतरीन फिल्मों में विलेन की भूमिका निभाई और इसी भूमिका ने उन्हें लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। उनकी इसी भूमिका के चलते उनसे लडकियां डरने लगीं। पहली बार एक एक्टर के लिए उनका स्क्रीन टेस्ट साल 1954 में हुआ था, और उस दौरान प्रोड्यूसर्स को वे पसंद नहीं आए थे। उस समय प्रोड्यूसर्स ने ये कहकर उन्हें फिल्मों में लेने से साफ़ मना कर दिया था कि उनका चेहरा हीरो बनने लायक नहीं है। इस बात को बात सुनकर अमरीश पुरी के दिल को बहुत ठेस पहुंची थी। उसके बाद में उन्होंने फिल्मों में विलेन का किरदार चुना था जो उनकी मजबूरी थी। लेकिन तब शायद वह नहीं जानते थे कि नेगेटिव किरदार निभाकर वह बॉलीवुड के महान 'खलनायकों' में शामिल हो जाएंगे। वैसे अमरीश पुरी भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन वो आज भी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे मशहूर विलेन्स में से एक हैं। अमरीश पुरी को एक्टिंग का जुनून था और इसी के चलते उन्होंने प्रोड्यूसर्स के ठुकराने के बाद भी एक्टिंग को नहीं छोड़ा और थिएटर में काम करना शुरू कर दिया। 'निशांत', 'मंथन', 'भूमिका', ईमान-धरम, पापी, अलीबाबा मरजीना, जानी दुश्मन, सावन को आने दो, आक्रोश और कुर्बानी जैसी फिल्मों में काम कर अमरीश ने लोगो का दिल जीत लिया। सुपरहिट विलेन बनने के बाद अमरीश मनचाही फीस लेने लगे और अगर वह फीस उन्हें नहीं मिलती थी तो वह फिल्म छोड़ देते थे। 'राम लखन', 'सौदागर', 'करण-अर्जुन', 'कोयला' जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम कर वह और अधिक सुर्ख़ियों में आ गए। नेगेटिव के अलावा अमरीश ने पॉजिटिव किरदार भी किये और 12 जनवरी 2005 में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। आज इतने पैसों की गिरावट के साथ बंद हुआ बाजार एनसीपी प्रमुख शरद पवार इस दिन करेंगे विपक्षी दल की बैठक सोनिया ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए बुलाई बैठक