अमरीश पूरी के इन डायलॉग्स को सुनकर हर किसी की रूह काँप जाती है

बॉलीवुड के खलनायक कहे जाने वाले दिग्गज कलाकार अमरीश पुरी का आज ही के दिन साल 2005 में निधन हुआ था. उनका जन्म 22 जून, 1932 को पंजाब में हुआ था. उनका मौगेंबो वाला किरदार बॉलीवुड के इतिहास का सबसे ज्यादा हिट किरदार रहा है. अमरीश पुरी को बचपन से अभिनेता बनने की इच्छा थी और वो अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए और हीरो बनने के लिए बॉलीवुड इंडस्ट्री में आए थे लेकिन उन्होंने विलेन बनकर कई दशकों तक बॉलीवुड की दुनिया पर राज किया था. आज भी उनके डॉयलॉग्स लोगों की जुबां पर चढ़े हुए हैं. आज हम आपको अमरीश पुरी के कुछ ऐसे डॉयलॉग्स बताएंगे, जिन्हें आज भी लोग बड़ी शिद्दत से बोलते हैं-

मोगेंबो खुश हुआ- मिस्टर इंडिया फिल्म के इस डॉयलॉग के बाद अमरीश पुरी चाहने वालों के बीच मोगेंबो के नाम से फेमस हुए.

तबादलों से इलाके बदलते हैं इरादे नहीं- गर्व फिल्म का यह डॉयलॉग आज भी कई युवाओं का मनोबल बढ़ाता है.

इतने टुकड़े करुंगा कि पहचाना नहीं जाएगा- अमरीश पुरी ने गदर फिल्म में यह डॉयलॉग बोला था.

जा सिमरन जा जीले अपनी जिंदगी- दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे फिल्म के इस डॉयलॉग को कौन भूल सकता है.

अच्छा इंटरव्यू था वो- फिल्म नायक के अंत में अमरीश पुरी का यह डॉयलॉग आज भी लोगों को याद है.

टिप बाद में देना तो एक रिवाज है, पहले देना अच्छी सर्विस की गारंटी होती है- फिल्म 'शहंशाह' का यह डॉयलॉग कौन भूल सकता है.

आदमी के पास दिमाग हो तो अपना दर्द भी बेच सकता है- ऐतराज फिल्म के इस डॉयलॉग ने कई लोगों को अपना दीवाना बना लिया था.

गलती एक बार होती है, दो बार होती है, तीसरी बार इरादा होता है- इरादा फिल्म का यह डॉयलॉग भी आज लोग याद करते हैं.

आज ही के दिन खामोश हुआ था बॉलीवुड का 'मौगेंबो'

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