चंडीगढ़: पंजाब में खालिस्तान समर्थक संगठन वारिस पंजाब दे के मुखिया अमृतपाल सिंह की तलाश आज सोमवार (20 मार्च) को तीसरे दिन भी जारी है। पुलिस को अमृतपाल के जालंधर में छिपे होने की आशंका है। जिसके बाद जिले के सभी एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर नाकाबंदी लगा दी गई है। अमृतपाल के गांव जल्लूखेड़ा में भी भारी पुलिसबल तैनात है। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल से लगी पंजाब की सरहद को भी सील कर दिया गया है। बता दें कि, खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर ने रविवार (19 मार्च) देर रात पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। 1 लाख नकद और पिस्टल भी मिली है। पुलिस ने अब तक 114 लोगों को अरेस्ट किया है। वहीं, वारिस पंजाब दे के कानूनी सलाहकार इमान सिंह खारा ने रविवार को उच्च न्यायालय में अमृतपाल को कोर्ट में पेश करने के लिए अपील की। जिस पर न्यायमूर्ति एनएस शिखावत के आवास हुई सुनवाई के बाद पंजाब सरकार से 21 मार्च तक जवाब देने को कहा गया है। पुलिस सूत्रों कि मानें तो, अमृतपाल सिंह के फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी के पास 2 साल में 35 करोड़ रुपए की विदेशी फंडिंग आई है। उसके फोन से पाकिस्तान में भी बात हुई है। पुलिस फ़िलहाल उसके मोबाइल की जांच कर रही है। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी है कि अमृतपाल नशा मुक्ति केंद्र के नाम पर फिदायीन हमलावर (Suicide Bomber) तैयार कर रहा था और युवाओं को आतंकियों बना रहा था। यह सब कुछ पाकिस्तानी एजेंसी ISI के इशारे पर हो रहा था। पाकिस्तान से गैरकानूनी हथियार मंगवाकर इन्हीं केंद्रों में रखा जा रहा था। जिसके जरिए ही वह सिखों को गुमराह कर आनंदपुर खालसा फोर्स (AKF) बना रहा था। लव जिहाद, लैंड जिहाद और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ महाराष्ट्र में निकली 50 रैलियां ममता सरकार को 'सुप्रीम' झटका, भाजपा नेता जीतेन्द्र तिवारी की गिरफ्तार पर SC का स्टे यौन शोषण मामला: राहुल गांधी ने 4 पन्नों में दिया नोटिस का जवाब, लिखा- '8-10 दिन में जवाब दे दूंगा'