चंडीगढ़. अमृतसर में बीते शुक्रवार की रात रावण दहन के समय हुआ भीषण रेल हादसे का मामला एक के बाद एक नए मोड़ लेता जा रहा है. एक तरफ जहाँ इस मामले को लेकर देश में राजनितिक बहसबाजी हो रही है तो वही अब इस हादसे में जान गवाने वाले और घायल हुए लोगों के परिजनों अवं स्थानीय लोगों का ग़ुस्सा भी फूटने लगा है. अमृतसर ट्रेन हादसे से स्तब्ध हैं अमिताभ बच्चन, लिखा भावुक पोस्ट इस हादसे के कुछ समय बाद से ही स्थानीय लोगों ने प्रशासन और रेलवे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. इसके तहत ये लोग रेलवे की पटरियों और सड़कों पर जाम कर के प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे है. इस दौरान जब पंजाब पुलिस ने रेल मार्ग साफ करने के मकसद से इन लोगों को हटाने की कोशिशे की तो लोगों का ग़ुस्सा फुट गया और लोगों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया. इस हमले में पुलिस का एक कमांडों और एक पत्रकार घायल घायल हो गए है. अमृतसर ट्रेन हादसा: मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दिए जांच के आदेश, 4 हफ़्तों में मांगी रिपोर्ट हालाँकि पुलिस प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक पटरियों पर से हटाने में कामयाब हो गई है. लेकिन अब प्रदर्शनकारियों ने अमृतसर की सड़कों को घेर कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी है. आपको बता दें कि यह हादसा अमृतसर में बीते शुक्रवार की रात हुआ था जब यहाँ पर रावण दहन हो रहा था लेकिन तभी यहाँ पर एक के बाद एक दो ट्रेने दो तरफ से आ गई और ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे लोग इसकी चपेट में आ गए. ख़बरें और भी अमृतसर रेल हादसा : मारे गए 61 लोगों में से 40 लोगों की हुई पहचान, 36 का अंतिम संस्कार अमृतसर रेल हादसा: श्रीलंका के राष्ट्रपति ने पत्र लिख जताया दुख, मदद की पेशकश भी की अमृतसर रेल हादसा : स्थानीय लोगों की धमकी, जब तक इंसाफ न मिले, एक भी ट्रेन चलने नहीं देंगे अमृतसर रेल हादसा : हादसे से पहले भी गुजरी थी ट्रेनें, लेकिन रफ़्तार कम कर ली गई थी