जम्मू: दक्षिण कश्मीर में शोपियां जिले के एम्सिपोरा इलाके में 18 जुलाई को मुठभेड़ के संबंध में उच्च स्तरीय कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की जा रही है. प्रमुख गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके है. जिसके साथ ही जांच में प्रगति की बारीकी से निगरानी में रखा जा रहा है. यह बात सेना की ओर से जारी किए गए एक बयान में बोला गया है. श्रीनगर स्थित सेना के प्रवक्ता ने बयान जारी करते हुए बोला है कि उक्त मामले में प्रमुख गवाहों के बयान दर्ज करवाए जा रहे है. जम्मू-कश्मीर पुलिस की निगरानी में राजोरी से DNA नमूने एकत्र किए गए हैं. जोकि 18 जुलाई 2020 को मारे गए आतंकवादियों के साथ मिलान के लिए भेजा रहा है. उन्होंने बताया कि हिंदुस्तान सेना सभी काउंटर आतंकवादी अभियानों के नैतिक आचरण के लिए प्रतिबद्ध कर दिया गया है. ऐसे मामले जहां संदेह किया जा रहा है. कानून के मुताबिक उचित प्रक्रिया के तहत जांच की जाती है. चूंकि मामले की जांच अब भी की जा रही है, इसलिए उचित कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित किए बिना आगे के विवरण को वक़्त -वक़्त पर साझा किया जाएगा. जंहा इस बात का पता चला है कि राजोरी के कोटरंका इलाके के 2 गांवों से मजदूरी करने कश्मीर के शोपियां गए 3 युवक लापता हो चुके हैं. एक युवक के पिता ने बीतें दिनों इनके लापता होने की रिपोर्ट पीड़ी स्थित पुलिस चौकी में दर्ज की जा चुकी है. युवक के पिता का इलज़ाम है कि 18 जुलाई को शोपियां में जो मुठभेड़ हुई उनमें मारे गए युवकों में एक उनका बेटा भी है. मिली जानकारी के अनुसार कि कोटरंका के धार साकरी निवासी अबरार अहमद पुत्र बैग्गा खान, इम्तियाज अहमद पुत्र सबार हुसैन और तरकस्सी निवासी अबरार अहमद पुत्र मोहम्मद यूसुफ 16 जुलाई को मजदूरी करने कश्मीर घाटी पर चले गए थे. 17 जुलाई को उन्होंने शाेपियां पहुंच कर फोन किया गया था. जिसके उपरांत जब दो दिन तक उनका कोई फोन नहीं आया तो परिवार ने खुद उनसे संपर्क करने का कोशिश की जा रही है. लेकिन तीनों के मोबाइल स्विच ऑफ थे. फाइनल ईयर एग्जाम पर सुप्रीम कोर्ट में पूरी हुई सुनवाई, अदालत ने सुरक्षित रखा फैसला गणेशोत्सव : गणेशोत्सव पर करें यह उपाय, मिलेगी शत्रुबाधा से मुक्ति बिकरू हत्याकांड: फोरेंसिक लैब में भेजी गई सभी ऑडियो क्लिप्स, 10 दिन में आएगी रिपोर्ट