श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में पांच कश्मीरी हिन्दुओं के घर जला दिए गए, जिससे 1990 के दशक की भयावह यादें फिर एक बार ताज़ा हो गईं। मट्टन के लोन मोहल्ला में हुई इस घटना की जांच की जा रही है, क्योंकि यह घटना संवेदनशील इलाके में संदिग्ध है। आशंका है कि इस घटना का उद्देश्य उन कश्मीरी हिन्दुओं को डराना था, जो पिछली हिंसा के दौरान भागकर घाटी लौट रहे थे। 1990 के दौरान इन हिन्दुओं को भीषण नरसंहार का सामना करना पड़ा था और महिलाओं के साथ वीभत्स सामूहिक बलात्कार किए गए थे। यह आग सोमवार, 29 जुलाई, 2024 को रात 1 बजे एक कश्मीरी पंडित के खाली घर में लगी और जल्दी ही आसपास के घरों में फैल गई। स्थानीय निवासियों ने अग्निशमन विभाग को सूचित किया, जो 1:45 बजे पांच दमकल गाड़ियों के साथ पहुंचा। उनके प्रयासों के बावजूद, एक घर पूरी तरह से नष्ट हो गया और आग को पूरी तरह से बुझाने में पांच घंटे लग गए। फायर ब्रिगेड अधिकारी निसार अहमद ने पुष्टि की कि अलर्ट मिलने पर दमकल गाड़ियों को तुरंत भेजा गया। वहीं, पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि आग जानबूझकर लगाई गई थी। फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि नष्ट किए गए घरों में से एक घर पार्टी के अतिरिक्त प्रवक्ता उमेश ताशी का था। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जांच की मांग की है और पुलिस से न्याय सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। "द कश्मीर फाइल्स" के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "इस वीडियो को सेव कर लें। कश्मीरी हिंदुओं की विरासत को जलाया जा रहा है। यह 1990 नहीं, बल्कि 29 जुलाई 2024 है। इसे सेव करके हर रविवार को देखें और विश्लेषण करें कि जब धार्मिक आतंकवाद को राजनीतिक और बौद्धिक संरक्षण दिया जाता है तो क्या हो सकता है।" इस बीच, 'ऑल टेंपल एंड श्राइन्स साउथ कश्मीर' के अध्यक्ष अशोक कुमार ने घोषणा की है कि वे डरेंगे नहीं और प्रशासन से पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग की। ट्रेन के सामने पटरियों पर साइकिल-सिलेंडर रख देता है गुलजार शेख ! मुश्किल में हज़ारों लोगों की जान, कड़ी कार्रवाई की मांग, Video प्रेमी के साथ भाग गई थी पत्नी, 20 साल बाद पति की हालत देख लौटी, चौंकाने वाली है वजह वायनाड भूस्खलन में 277 लोगों की मौत ! 220 अब भी लापता, क्या केंद्र की वार्निंग नज़रअंदाज़ करने का खामियाज़ा भुगत रहा केरल ?