अभिनय का करियर भी बिल्कुल उसके खेल जैसा था. जितनी दूर तक पहुंच, वैसा नाम. ये नाम उसने कमाया. लाइट, कैमरा एवं एक्शन की दुनिया में वर्ष 1998 में कदम रखने के पश्चात् उसे पीछे मुड़कर देखने की आवश्यकता नहीं पड़ी. अपने अंदाज, अपने मिजाज एवं विशेष तौर पर एक एक्शन कह लें या फिर वो डायलॉग जो भारत के बच्चे बच्चे के जुबान पर होता है, उसने उसे घर-घर में मशहूर कर दिया. वो डायलॉग है- दया दरवाजा तोड़ दो! SWITCH HIT के इस अंक में बात दरवाजा तोड़ने में उस्ताद, उसी दया की, जिनका पूरा नाम है दयानंद शेट्टी (Dayanand Shetty). वही रील के जगत में कदम रखने से पहले दया रीयल लाइफ में खिलाड़ी थे. दरवाजा तोड़ने से पहले गोला एवं चक्का फेंकते थे. यानी, शॉट पुट (Shot Put) एवं डिस्कस थ्रो (Discus Throw) खेला करते थे. किन्तु, फिर पैर की इंजरी ने करियर को नया मोड़ दे दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दयानंद शेट्टी उर्फ दया सिर्फ शॉट पुट या डिस्कस थ्रो के खिलाड़ी ही नहीं थे. बल्कि इस खेल में चैंपियन भी थे. वर्ष 1996 में वो डिस्कस थ्रो में महाराष्ट्र के विनर बने थे. मगर, इस विजेता को लेग इंजरी ने अपने खेल के करियर पर विराम लगाने को विवश कर दिया. शायद ये उनके लिए भाग्य का रचा खेल था. वही चोट से खेल का करियर नष्ट हुआ तो दयानंद शेट्टी ने अभिनय की दुनिया में एंट्री की, जो कि उनका दूसरा पैशन था. 1998 में उन्होंने लोकप्रिय शो CID के लिए ऑडिशन दिया तथा सेलेक्ट हुए. लंबी कद काठी के चलते उन्हें इस सीरियल में पुलिस का किरदार मिला. इस शो को दया ने जितना लंबा समय दिया उतना ही कुछ उस शो ने भी दया को दिया. तथा सबसे बढ़कर दी वो पहचान, जिसके चलते वो आज लोकप्रिय हैं. ‘दया दरवाजा तोड़ दो’… लोकप्रिय शो CID का ही वो डायलॉग है, जिसने उन्हें शोहरत दी. इस शो में दरवाजा तोड़ने के अपने विशेष अंदाज के चलते वो भारत के लोगों की पसंद बन गए. दया और दरवाजे का इतना हल्ला मचा कि गूंज बॉलीवुड तक भी जा पहुंची, जिसे निदेशक रोहित शेट्टी ने अजय देवगन स्टारर मूवी सिंघम रिटर्न्स में उन पर फिल्माया भी है. देबिना बनर्जी ने फैंस के साथ बयां किया अपना दर्द, खोले ये बड़े राज फिटेड टॉप में श्वेता तिवारी ने बिखेरा जलवा, बेटी पलक के कमेंट ने खींचा फैंस का ध्यान जादूगर के इस बेहतरीन मैजिक को देख चीख उठे मलाइका अरोड़ा और विक्की कौशल, देंखे क्या है ऐसा खास?