नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है। RTI के अनुसार, केन्द्र सरकार ने ट्रंप के 36 घंटे के भारत दौरे पर 38 लाख रुपए ख़र्च किए थे। इनमें रहना, खाना, लॉजिस्टिक समेत तमाम खर्चा शामिल है। एक RTI एक्टिविस्ट द्वारा दाखिल की गई RTI के जवाब में विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में जानकारी दी है। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप 2020 में अपनी पत्नी मेलानिया, बेटी इवांका और दामाद जेरेड कुश्नर के साथ दो दिनों के लिए 24-25 फरवरी को भारत दौरे पर आए थे। इस दौरान ट्रम्प अहमदाबाद, आगरा और दिल्ली गए थे। वो 24 फरवरी को तीन घंटे के लिए अहमदाबाद में थे और 22 किमी लंबा रोड शो किया था। इसके साथ ही ट्रम्प ने साबरमती आश्रम पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी और तब नए बने मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम में एक भव्य कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जहां उन्होंने केन्द्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम नमस्ते ट्रंप में हिस्सा लिया- जहां पीएम नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। उसके बाद ट्रंप हेलिकॉप्टर से आगरा स्थित ताजमहल गए। बाद में 25 फरवरी को वो एक द्विपक्षी बैठक के लिए दिल्ली पहुंचे। एक्टिविस्ट मिशाल भठेना द्वारा दाखिल की गई RTI में ट्रंप की यात्रा पर आए खर्च- जिसमें उनके खाने, रहने, सुरक्षा, फ्लाइट्स और ट्रांसपोर्ट पर हुए खर्च की जानकारी मांगा गई थी। एक्टिविस्ट ने 24 अक्टूबर 2020 में ही RTI दाखिल की थी, मगर विदेश मंत्रालय की ओर से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। बाद में उन्होंने सेंट्रल इन्फोर्मेशन कमिशन (CIC) में अपील की और फिर मंत्रालय ने CIC को यह जानकारी दी। मुख़्तार अंसारी को बचाने में 55 लाख रुपए खर्च:- बता दें कि, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत दौरे पर जितना खर्च हुआ, उससे कहीं ज्यादा पैसा कांग्रेस ने गैंगस्टर मुख़्तार अंसारी को बचाने के लिए लगा दिया था। ये आरोप पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने लगाया है। रिपोर्ट के अनुसार, माफिया मुख्तार अंसारी को जेल में VVIP ट्रीटमेंट देने के लिए पंजाब की कांग्रेस सरकार ने जनता के लाखों रुपये उड़ा दिए थे। इसके साथ ही मुख़्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश सरकार से बचाने के लिए भी 55 लाख से अधिक रुपये खर्च किए गए थे। राज्य की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की जांच में इसका खुलासा हुआ है। गैंगस्टर से नेता बना मुख्तार अंसारी पंजाब की रूपनगर जेल में दो साल से अधिक दिनों तक कैद रहा था। राज्य की भगवंत मान सरकार की जांच में खुलासा हुआ है कि कांग्रेस सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ वकील को अंसारी का मुकदमा लड़ने के लिए प्रति सुनवाई 11 लाख रुपये खर्च किए। इस मामले में कुल 5 सुनवाई हुई थीं। इस प्रकार मुख्तार अंसारी के वकील की फीस पर करदाताओं के कुल 55 लाख रुपये उड़ा दिए गए। जेल मंत्री हरजोत बैंस के मुताबिक, जिस दिन सुनवाई नहीं हुई उस दिन कथित तौर पर वकील ने 5 लाख रुपये लिए। वकील द्वारा उठाए गए बिल अभी भी पेंडिंग हैं और AAP सरकार ने बिलों को स्वीकृति देने से इनकार कर दिया है। 'अगस्त पार कर लें हेमंत सोरेन...', झारखंड के CM को भाजपा ने दी खुली चुनौती 'BJP आपका कद घटा देती है...', नितिन गडकरी को संसदीय बोर्ड से हटाने पर NCP ने कसा तंज केरल में भी शिक्षक भर्ती में घोटाला.., सबसे कम नंबर मिले, फिर भी CM की करीबी को बना दिया 'प्रोफेसर'