विशाखापत्तनम: आंध्र प्रदेश सरकार ने मंदिरों में अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्ग और महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान किया है. वहीं भाजपा ने राज्य की जगनमोहन रेड्डी सरकार के इस फैसले को हिंदू भावना के खिलाफ करार दिया है. आंध्र प्रदेश के एक भाजपा नेता का कहना है कि प्रदेश सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो दलित ईसाई धर्म अपना चुके हैं, उन्हें हिंदू मंदिरों में किसी पद पर नामित न किया जाए. टीडीपी छोड़ कर भाजपा में शामिल होने वाले लंका दिनाकर ने कहा कि उनकी पार्टी इस 50 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ नहीं है. किन्तु हिंदू मंदिरों के मैनेजिंग ट्रस्ट में ईसाइयों के शामिल किए जाने को लेकर पार्टी चिंतित अवश्य है. लंका दिनाकर ने कहा कि, 'आंध्र प्रदेश में जो सत्ता में आता है उन सब की निगाह हिंदू मंदिरों और उनकी भूमि पर रहती है.' उन्होंने कहा कि क्या यह सत्य नहीं है कि जो हिंदू दलित ईसाई धर्म अपना चुके हैं, वे आजीवन दलित ही रहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि क्या यह सच नहीं है कि सभी पार्टियों के धर्म बदलने वाले राजनेता सार्वजनिक तौर पर दलितों के नाम पर प्रतिनिधित्व करते हैं. क्या यह दलितों के साथ नाइंसाफी नहीं है? दिनकर ने कहा कि आंध्र प्रदेश में हिंदू मंदिरों में नामित पदों पर दलितों को आरक्षण दिया गया है. हमारी मांग है कि इन पदों पर केवल हिंदू दलितों को ही नामित किया जाए. MP Govt : इस जगह पर चिकन और दूध एक साथ बेचने की योजना, भाजपा कर रही आलोचना राज्यपाल 'सत्यपाल मलिक' ने दी बड़ी प्रतिक्रिया, जिम्मेदारियों को लेकर कही ये बात सऊदी अरब में अब तक का सबसे बड़ा हमला, अरामको के दो तेल संयंत्रों को ड्रोन से उड़ाया