भारत के पड़ोसी मुल्क चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना वायरस की महामारी के वजहों का पता लगाने में जुटे शोधकर्ताओं ने स्‍मगलिंग के जरिए चीन पहुंचे पैंगोलिन पर संदेह जताया है. एक अध्ययन के अनुसार, यह अनुमान लगाया जा रहा है चीन में तस्करी के जरिये पहुंचे चींटीखोर पैंगोलिन से इस महामारी की संभावना हो सकती है. भारत में जल्द तैयार हो जाएगी कोरोना की वैक्सीन, हैदराबाद यूनिवर्सिटी का दावा आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह रिपोर्ट ‘नेचर पत्रिका’ में प्रकाशित हुई. इस रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे देशों से स्‍मगलिंग के जरिए चीन लाए गए पैंगोलिन में जो कोरोना वायरस मिले उनमें और कोविड-19 में इतनी समानता नहीं है कि इस बात को अभी पूरा दावा किया जा सके या यह कहा जाए कि यही जीव कोरोना की महामारी फैलाने का जिम्मेदार है. 'वूहान' बनने की दिशा में बढ़ रहा केरल, तेजी से बढ़ रहा कोरोना के मरीजों का आंकड़ा वायरस को लेकर इस संबंध में हांगकांग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं समेत अनेक विशेषज्ञों ने बताया कि पैंगोलिन दूसरा ऐसा स्तनपाई जीव है जो कोरोना वायरस का करियर है. उन्होंने कहा कि भविष्य में किसी वायरस जनित बीमारी को रोकने के लिए जरूरी है कि पैंगोलिन की खरीद बिक्री पर सख्ती से रोक लगाई जाए. वही, शोधकर्ताओं का मानना है कि अभी तक मिले प्रमाणों से चमगादड़ ऐसा जीव है जिसके शरीर में जानलेवा सार्स-सीओवी-2 वायरस बहुतायत से पाया जाता है. चमगादड़ के संपर्क में आकर किन किन जीवों के जरिये मानव शरीर में वायरस पहुंचा यह अभी रहस्य है. हिंदुस्तान को कोरोना की मार से बचाएगा मौसम ! एक अध्ययन में किया गया दावा सीएम योगी ने रिजर्व बैंक के निर्णय को लेकर बोली ये बात कोरोना: इटली को बहुत महंगी पड़ी थी ये गलती, अब उसे करने से बच रहे भारतीय अस्पताल