पशुओं की खरीद-बिक्री नियम पर गंभीरता से विचार करेगी सरकार

नई दिल्ली : पिछले दिनों सरकार द्वारा वध के लिए पशुओं की खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए जारी की गई अधिसूचना को लेकर मिलने वाले विभिन्न समूहों के सुझावों पर केंद्र सरकार गंभीरता से विचार करेगी. यह सरकार के लिए कोई प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं है. यह आश्वासन बढ़ते विवाद के मद्देनजर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को दिया.

गौरतलब है कि विश्व पर्यावरण दिवस से संबंधित एक कार्यक्रम से पृथक केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस अधिसूचना का उद्देश्य किसी खास समूह को नुकसान पहुंचाना, लोगों के खाने की आदत या बूचड़खानों के कारोबार को प्रभावित करना नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे पास जो सुझाव आए हैं, उनकी समीक्षा की जाएगी. स्मरण रहे कि अधिसूचना जारी होने के बाद बीफ खाने और पशुओं का व्यापार एक राष्ट्रव्यापी विवाद का विषय बन गया है.

उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक समेत कई राज्यों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन हुए हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस प्रतिबंध को अलोकतांत्रिक करार देकर कहा था कि उनकी सरकार इसे स्वीकार नहीं करेगी. यही नहीं गत 30 मई को मद्रास हाई कोर्ट ने भी पशुओं की खरीद- बिक्री पर रोक संबंधी केंद्र सरकार की अधिसूचना के अमल पर चार सप्ताह की रोक लगा दी है.बता दें कि सरकार की इस अधिसूचना से मांस और चमड़े के निर्यात और कारोबार के प्रभावित होने की आशंका जताई गई है.

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